हरियाणा के रोहतक में भूकंप का झटका, इससे पहले भी आ चुका है कई बार भूचाल

रोहतक में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए।

Update: 2021-04-27 16:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: रोहतक। रोहतक में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। मंगलवार की शाम सात बजकर 10 मिनट पर कुछ पल के लिए भूकंप के झटके लगे। रोहतक के विशेषज्ञों का मानना है कि यह झटके रोहतक से 14 किमी दूर नॉर्थ-ईस्ट में यानी किलोई गांव के निकट केंद्र रहा। कुछ दिनों पहले भी यहां 2.5 रिक्टर स्केल की तीव्रता से भूकंप आया था।

जिला राजस्व विभाग के डिजास्टर मैनेजमेंट के डिस्ट्रिक प्रोजेक्ट आफिसर (रोहतक-झज्जर) सौरभ धीमान ने बताया कि कम तीव्रता वाले भूकंप के झटके रोहतक में लगी मशीन से पकड़ में नहीं आते हैं। तीन रिक्टर से अधिक तीव्रता वाले भूकंप के झटकों का ब्योरा हमारे पास तुरंत उपलब्ध होता है। दूसरी ओर, बीते साल मई-जून के माह में कई बार भूकंप के झटके लगे थे। भूकंप के झटके फिर से लगने से लोग सहमे रहे। हालांकि तीव्रता बेहद कम होने के कारण चंद लोगों को ही भूकंप आने की जानकारी हुई।
दिल्ली स्थित पृथ्वी मंत्रालय के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी डा. जेएलएन गौतम कहते हैं कि बार-बार रोहतक में आने वाले भूकंप से घबराने की जरूरत नहीं है। रोहतक में भूकंप का एक प्रमुख कारण यह भी है कि आपस में प्लेट के टकराने से फॉल्ट लाइन के जाल पर असर पड़ रहा है। लिक्विड पर तैरने वाली फॉल्ट लाइन की दरारें भी इस दौरान हिलने लगती हैं। उनका कहना है कि दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और हरियाणा के निकट पांच फॉल्ट लाइन या फिर रिज हैं।
रिज यानी धरती के अंदर उभरा हुआ क्षेत्र कहलाता है। जब प्लेट बाउंड्री यानी दो प्लेट का ज्वाइंट में कोई हलचल होती है तो रिज क्षेत्र में अंतर देखने को मिलता है। महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट लाइन से हरियाणा का जोन चार प्रभावित होता है। दिल्ली-हरिद्वार रिज फॉल्ट लाइन और दिल्ली-सरगोदा फॉल्ट लाइन से दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रभाव पड़ता है। मथुरा फॉल्ट लाइन से ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद व इस फॉल्ट लाइन में दिल्ली का क्षेत्र प्रभावित होता है। सोना फॉल्ट लाइन से गुरुग्राम क्षेत्र प्रभावित होता है। महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट लाइन रोहतक शहर के ठीक नीचे से गुजर रही है, इसलिए जमीन के अंदर की मामूली हलचल भूकंप के रूप में होती है।
हरियाणा को ऐसे जोन के हिसाब से समझें
जोन-दो : सिरसा, फतेहाबाद का कुछ क्षेत्र, हिसार का कुछ क्षेत्र।
जोन-तीन : महेंद्रगढ़ का कुछ क्षेत्र, कुरूक्षेत्र, कैथल, जींद, भिवानी, हिसार।
जोन-चार : रोहतक, महेंद्रगढ़, पंचकूला, करनाल, अंबाला, सोनीपत, पानीपत, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात, पलवल।
हरियाणा के 12 जिले संवेदनशील
हरियाणा के 12 जिले भूकंप के लिहाजे से संवेदनशील हैं। जोन-चार में आने वाले जिले संवेदनशील माने जाते हैं। जोन-तीन कम प्रभावित क्षेत्र, जबकि जोन-दो में भूकंप आने की बेहद कम संभावनाएं हैं।
जून 2017 में छह बार आया था भूकंप
भू-विज्ञानी मानते हैं कि भूकंप के झटके आने के बाद कई दिनों तक लगातार जमीन के अंदर हलचल देखने को मिलती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि 16 नवंबर 1995 में दो बार भूकंप के झटके लगे। 2005 में चार अप्रैल और दो मई को भूकंप के झटके लगे थे। 2003 एवं 2012 में तीन और 2013 में दो बार भूकंप आ चुका है।
03 रिक्टर स्केल से अधिक तीव्रता पर रोहतक में आया भूकंप : 35 बार
मई 1969 से रोहतक के 20 किमी के दायरे में रिकार्ड किए गए भूकंप : 196 बार
जून 2017 में इससे पहले सबसे अधिक भूकंप आया : छह बार
साल : भूकंप (रिक्टर स्केल)
1969 : चार
1990 : चार
1995 : चार
02 जून 2017 : 4.6
02 जून 2017 : 4.7
29 मई 2020 : 4.5
नोट : चार रिक्टर स्केल से अधिक लगने वाले भूकंप के झटके।
भूकंप का मई से अभी तक के भूकंप का ब्योरा
तारीख : तीव्रता(रिक्टर स्केल में)
29 मई 2020: 4.6
18 जून 2020: 2.10
19 जून 2020 : 2.30
20 जून 2020 : 1.80
24 जून 2020 : 2.90
26 जून 2020 : 2.80
27 जून 2020 : 2.40


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