24 घंटों के अंदर पांचवी बार महसूस किए गए भूकंप के झटके, जानें इसकी तीव्रता

असम (Assam) में शुक्रवार देर रात 4.2 तीव्रता का भूकंप आया.

Update: 2021-06-19 09:10 GMT

असम (Assam) में शुक्रवार देर रात 4.2 तीव्रता का भूकंप (Earthquake) आया, जो पिछले 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में ऐसा पांचवां भूकंप है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ताजा भूकंप के झटके शुक्रवार देर रात 1 बजकर 7 मिनट दर्ज किए गए, जिसका केंद्र सोनितपुर जिले (Sonitpur) के मुख्यालय तेजपुर (Tezpur) के पास 30 किलोमीटर की गहराई पर था. फिलहाल किसी के भी हताहत होने किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.

इससे पहले, राज्य में दो और भूकंप आए, जिसमें शुक्रवार की सुबह 4.1 तीव्रता का भूकंप भी शामिल था, जिसका केंद्र सोनितपुर जिले में था. असम के सोनितपुर में 2 बजकर 4 मिनट पर 4.1 तीव्रता का झटका महसूस किया गया था. भूकंप का केंद्र (Epicenter) तेजपुर से 36 किलोमीटर उत्तर पश्चिम की तरफ जमीन से 22 किलोमीटर की गहराई में था. असम के आलावा, मेघालय और मणिपुर (Meghalaya and Manipur) में भी एक के बाद एक झटके महसूस किए गए.
पूर्वोत्तर क्षेत्र में क्यों आते हैं इतने भूकंप?
मणिपुर के चंदेल इलाके में आधी रात के बाद एक बजकर 6 मिनट पर महसूस हुआ, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3 मापी गई. इसका केंद्र मोइरांग से 39 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में म्यांमार की सीमा के पास जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में रहा. वहीं, 2.6 तीव्रता का झटका मेघालय के वेस्ट खासी हिल्स में 4 बजकर 20 मिनट पर आया. दरअसल, पूर्वोत्तर क्षेत्र (Northeast Region) भूकंपीय क्षेत्र (Seismic Zone) में आते हैं, जिस वजह से यहां भूकंप के झटकों के आने की संभावना बनी ही रहती है.
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी कई लेयर में बंटी होती है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट होती है. ये प्लेट्स आपस में फंसी रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप आता है. कई बार इससे ज्यादा कंपन हो जाता है और इसकी तीव्रता बढ़ जाती है. भारत में धरती के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन तय किए गए हैं और कुछ जगह यह ज्यादा होती है तो कुछ जगह कम. इन संभावनाओं के आधार पर भारत को 5 जोन बांटा गया है, जो बताता है कि भारत में कहां सबसे ज्यादा भूकंप आने का खतरा रहता है. इसमें जोन-5 में सबसे ज्यादा भूकंप आने की संभावना रहती है और 4 में उससे कम, 3 उससे कम होती है.
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