पृथ्वी अवलोकन उपग्रह की आज लॉन्चिंग, जानिए ISRO के इस मिशन के बारे में
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दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ISRO एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है। पिछले साल चांद पर चंद्रयान-3 को उतारकर दुनिया को दिखा दिया था कि हम किसी से कम नहीं, अब 16 अगस्त 2024 को इसरो दुनिया को नया तोहफा देने की दिशा में पहला कदम बढ़ा देगा। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (EOS-08) की लॉन्चिंग की जाएगी। इसरो के अधिकारियों का कहना है कि मिशन के लॉन्चिंग की उल्टी गिनती 6 घंटे पहले ही शुरू हो जाएगी। शुक्रवार तड़के 3 बजे काउंटडाउन शुरू होगा। ईओएस-08 उपग्रह को एसएसएलवी डी3 रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा। इसरो का यह मिशन देश ही नहीं दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस उपग्रह की मदद से पर्यावरण की मॉनिटरिंग, आपदा प्रबंधन, भूकंप, सुनामी इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं का पता लगाया जा सकेगा।
Earth observation satellite पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (ईओएस-08) (175.5 किलोग्राम) और एसआर-0 डेमोसैट यात्री उपग्रह को शुक्रवार को श्रीहरिकोटा के शार रेंड से लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा। करीब 34 मीटर लंबा एसएसएलवी-डी3, 120 टन वजनी है और अपनी तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान में, दो पेलोड लेकर शार रेंज से सुबह 9 बजकर 17 मिनट लॉन्च पैड से उड़ान भरेगा। उड़ान भरने के लगभग 17 मिनट बाद, ईओएस-08 उपग्रह और स्पेस किड्ज़ इंडिया द्वारा विकसित 0.2 किलोग्राम एसआर-0 डेमोसैट को भूमध्य रेखा पर 37.4 डिग्री के झुकाव के साथ 475 किमी की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
इससे पहले इसरो ने मिशन को 15 अगस्त के लिए निर्धारित किया था, लेकिन इसे अब शुक्रवार 16 अगस्त के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है। हालांकि प्रक्षेपण अभियान को गुरुवार से शुक्रवार तक टालने का कोई कारण नहीं बताया गया। यह मिशन एसएसएलवी विकास परियोजना को पूरा करता है और भारतीय उद्योग और एनएसआईएल द्वारा परिचालन मिशनों को सक्षम बनाता है। ईओएस-08 इसरो का नवीनतम पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है। मिशन का उद्देश्य एसएसएलवी वाहन प्रणालियों के दोहराए जाने योग्य उड़ान प्रदर्शन को प्रदर्शित करना है। ईओएस-08 मिशन के प्राथमिक उद्देश्यों में एक माइक्रोसेटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना, माइक्रोसेटेलाइट बस के साथ संगत पेलोड उपकरण बनाना और भविष्य के परिचालन उपग्रहों के लिए आवश्यक नयी तकनीकों को शामिल करना है।
एसएसएलवी एक तीन चरण प्रक्षेपण वाहन है जिसे तीन ठोस प्रणोदन चरणों और तरल के साथ तैयार किया गया है। एसएसएलवी एसडीएससी/शार से 500 किमी प्लानर कक्षा में मिनी, माइक्रो या नैनो उपग्रहों (10 किग्रा से 500 किग्रा द्रव्यमान) को प्रक्षेपित करने में सक्षम है। एसएसएलवी को कम लागत, कम टर्न-अराउंड समय, लचीलापन, कई उपग्रहों को समायोजित करना, मांग पर प्रक्षेपण, व्यवहार्यता, न्यूनतम प्रक्षेपण अवसंरचना की आवश्यकता आदि के साथ तैयार किया गया है।