शिक्षा विभाग की ढिलाई के कारण जिला स्कूली शिक्षा रैंकिंग में गया पिछड़

Update: 2023-09-20 18:08 GMT
सवाई माधोपुर। सवाईमाधोपुर जिले में एक तरफ तो शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों को सम्मान किया जा रहा है, तो दूसरी ओर जिले में स्कूली शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। प्रदेश में जिला शिक्षा विभाग की रैकिंग में पिछड़ती जा रहा है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की मंथली रैंकिंग रिपोर्ट इसका खुलासा करती है। शिक्षा विभाग में आए दिन नवाचारों के बाद भी जिले की शिक्षा रैंकिंग में विशेष सुधार नहीं हो पा रहा है। परिषद से जारी 33 जिलों की अगस्त माह की रैंकिंग में सवाईमाधोपुर 21वें पायदान पर पहुंच गया है, जो कि काफी शर्मनाक स्थिति है। वहीं, एक महीने पहले जारी परिषद की रैंकिंग में सवाईमाधोपुर का छठा स्थान रहा था। परिषद की ओर से जारी इस रैकिंग में सभी जिलों को 150 अंकों में से अंक दिए जाते है। इसमें सवाईमाधोपुर जिले ने 33.38 अंक प्राप्त किए हैं।
राज्य सरकार की ओर से जिले में नए-नए स्कूलों को क्रमोन्नत व नए स्कूलों को खोला जा रहा है लेकिन वर्तमान में चल रही स्कूलों में सुविधाओं का अभाव बना है। इससे शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। जिले की रैंकिंग पिछडऩे के पीछे भी यही मुख्य कारण माना जा रहा है। जिले में संचालित स्कूलों का पैरामीटर्स स्कूल शिक्षा परिषद के मापदंडों में खरी नहीं उतरी हैं। प्रदेश स्तरीय शिक्षा विभाग की जारी रैकिंग में चुरू जिला पहले स्थान पर काबिज है, जबकि उदयपुर जिला अंतिम यानि 33 वें पायदान पर है। बात करें सवाईमाधोपुर जिले को शिक्षा की गुणवत्ता सहित कई कमियां होने से जिला 21वें नम्बर पर पहुंच गया है। जिला कलक्टर के लगातार मॉनिटरिंग एवं निर्देशों के बाद भी खंडार, बामनवास, बौंली, चौथकाबरवाड़ा, मलारना डूंगर सहित अन्य ब्लॉक में शैक्षिक, सह शैक्षिक गतिविधियों में उपलब्धियां नहीं आने से रैंकिंग में एक बार फिर से जिला फिसड््डी साबित हुआ है।
इस रैंकिंग के लिए चार श्रेणियां तय की गई हैं। हर श्रेणी के लिए अपने-अपने अंक निर्धारित किए हैं। शैक्षणिक श्रेणी के 100 अंक, नामांकन के 20 अंक, सामुदायिक सहभागिता के 20 अंक और आधारभूत सुविधाओं के 10 अंक तय हैं। शैक्षणिक श्रेणी के अंकों को 7 बिंदुओं में नामांकन व सामुदायिक सहभागिता के अंकों को 3-3 बिंदु और आधारभूत सुविधाओं के अंकों को 2 बिंदुओं में बांटा गया है। प्रदेश स्तरीय रैकिंग में परीक्षा परिणाम सहित कई कारणों से जिले की रैकिंग पिछड़ गई है। वर्तमान में जिला प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में 21वें नम्बर पर है। इसमें सुधार के लिए हमने योजना बनाई है, जो भी कमियां रही है, उसको दूर किया जाएगा। जल्द ही जिले की रैंक में सुधार होगा।
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