पुडुचेरी विवि के कुलपति को डीयू ने थमाया 23 लाख का नोटिस, जानें पूरा मामला
नई दिल्ली (आईएएनएस)| पुडुचेरी विश्वविद्यालय के कुलपति गुरमीत सिंह को दिल्ली विश्वविद्यालय ने 23 लाख रुपए चुकाने का नोटिस दिया है। गुरमीत सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय से रिटायरमेंट के बाद भी नॉर्थ कैंपस, कैवलरी लाइंस स्थित टाइप 5 के सरकारी बंगले में रह रहे हैं। दूसरी ओर उन्हें अपनी मौजूदा सर्विस में भी सरकारी आवास मिला हुआ है। नोटिस मिलने के बावजूद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय का सरकारी आवास खाली नहीं किया। यही कारण है कि अब उन्हें बकाया 23 लाख रुपए और सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है। इस मामले में गुरमीत सिंह को अभी तक नौ नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
हालांकि इस विषय पर गुरमीत सिंह का अपना अलग तर्क है। उनका कहना है प्रारंभिक देरी कोविड महामारी और उसके कारण लगने वाले लॉकडाउन के कारण हुई।
गुरमीत सिंह का कहना है कि कोरोना लॉकडाउन के कारण वह अपना सरकारी आवास समय पर खाली नहीं कर सके। वहीं उन्होंने मांगी जा रही बकाया रकम को भी गलत बताया है। उनका कहना है कि इसकी गणना गलत तरीके से की गई है।
इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि उनके साथ विश्वविद्यालय का व्यवहार उचित नहीं था और रिटायरमेंट पर मिलने वाले उनके 50 लाख रुपए भी रोके गए।
इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने गुरमीत सिंह को एक और नोटिस जारी किया है। अपने इस नोटिस में दिल्ली विश्वविद्यालय ने गुरमीत सिंह से स्पष्ट शब्दों में बंगला खाली करने को कहा है।
नोटिस के मुताबिक यदि सिंह ने बंगला खाली नहीं किया तो फिर बिजली, पानी का कनेक्शन काटा जा सकता है।
अपने नोटिस में दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि भारत सरकार द्वारा तय नियमों के अनुसार रिटायरमेंट की 6 महीने कि अवधि तक सरकारी आवास खाली करना होता है। किसी भी स्थिति में 6 महीने से ज्यादा सरकारी आवास में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती। 6 महीने से अधिक होने पर सरकारी आवास के लिए सामान्य शुल्क के मुकाबले 50 गुना अधिक की दर से शुल्क चुकाना होता है जो कि नहीं दिया गया।
गुरमीत सिंह से कहा गया है कि उन्होंने नियम के अनुसार किराया एवं अनाधिकृत रिहाइश के लिए भुगतान किए बिना, दो वर्ष, नौ महीने से सरकारी आवास पर कब्जा किया हुआ है। विश्वविद्यालय का कहना है कि सिंह पर कुल 23.70 लाख रुपये किराया और शुल्क बकाया है।
गुरमीत सिंह के पास पुडुचेरी विश्वविद्यालय के कुलपति के अलावा तमिलनाडु गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान के कुलपति का अतिरिक्त कार्यभार भी है। वह अक्टूबर 2019 में दिल्ली विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे जिसके बाद उन्हें अगले वर्ष अप्रैल 2020 तक सरकारी आवास खाली करना था।
सिंह का कहना है कि उन्होंने 43 वर्ष से अधिक दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्य किया है। साथ ही उनके रिटायरमेंट के 50 लाख रुपए भी अभी तक दिल्ली विश्वविद्यालय के पास ही है।