पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भेजी जा रही नशे की खेप, पुलिस की स्पेशल टीम कर रही कार्रवाई

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Update: 2022-04-23 16:18 GMT

पंजाब। पंजाब में नशे की जड़ें काफी गहरी हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) पंजाब के जरिये भारत नहीं बल्कि कनाडा तक हेरोइन की आपूर्ति कर रही है। इस पूरे खेल में आतंकवादी संगठन भी आईएसआई के साथ मिल गए हैं क्योंकि आतंकियों के लिए हेरोइन भारत में तस्करी करके धन जुटाने के लिए प्रमुख मादक पदार्थ रहा है।

जेएंडके से लेकर पंजाब में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए नशे के पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक साल में पंजाब सीमा से 979 किलोग्राम से ज्यादा हेरोइन जब्त होना ही तस्वीर को साफ कर रहा है कि हेरोइन तस्करी के पीछे आईएसआई का हाथ है। कनाडा में भी नशे की सप्लाई में पंजाबी मूल के लोग जुटे हुए हैं और पिछले साल ही कनाडा में 25 तस्करों का गैंग गिरफ्तार हुआ, जिसको गुरबख्श सिंह ग्रेवाल, सुखवंत बराड़, परमिंदर गिल, हरबलजीत सिंह तूर, अमरबीर सिंह सरकारिया, हरबिंदर कौर भुल्लर आदि चला रहे थे।
केंद्रीय एजेंसियों ने मुंबई बंदरगाह से हेरोइन की भारी खेप बरामद की थी, जिसमें चोहला साहिब का रहने वाला तस्कर प्रभजीत सिंह गिरफ्तार हुआ था। उसका चचेरा भाई इंद्रजीत सिंह कनाडा की जेल में है। उसके खिलाफ चरस का कारोबार करने का मुकदमा दर्ज है। प्रभजीत का एक बड़ा भाई अमृत सिंह चोहला साहिब में रहता है। वह शादीशुदा है। उसकी पत्नी भी कनाडा में रहती है।
ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल हो रहा पंजाब
कनाडा में हेरोइन की मांग अधिक है और पाक के तस्कर पंजाब को ट्रांजिस्ट प्वाइंट के रूप में भी इस्तेमाल कर रहे हैं। 2018 में पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने लंगर के बर्तनों में हेरोइन की खेप भेजने का भंडाफोड़ किया था। पंजाब के नामी गायक केएस मक्खन, कबड्डी खिलाड़ी रंजीत सिंह जीता समेत काफी नामी लोग नशे का केस झेल चुके हैं। हेरोइन तस्करी का धंधा मोटे मुनाफे वाला है। अफगानिस्तान से हेरोइन एक लाख रुपये किलो में खरीदी जाती है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत आठ करोड़ रुपये किलो तक पहुंच जाती है। इसमें कोरियर से लेकर तस्कर और सप्लायर तक अपना हिस्सा रखते हैं।
हेरोइन में रसायन मिला कर आगे बेचते हैं तस्कर
अरबों खरबों रुपये के इस तस्करी के धंधे में पंजाब के कई लोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धंधा करने लगे हैं। माझा के गांव वजीर भुल्लर का रहने वाला नवप्रीत सिंह नव हेरोइन तस्करी का बेताज बादशाह बन गया है। नवप्रीत सिंह जहां पाक में बैठे आतंकवादियों का करीबी है वहीं अफगानिस्तान के हेरोइन के सौदागरों का बड़ा डीलर बन चुका है। दिल्ली में 354 किलो हेरोइन की खेप पुर्तगाल से नवप्रीत सिंह नव ने अपने तस्करों जालंधर के जमशेर के रहने वाले गुरप्रीत गोपी व गुरजोत गोलू को भिजवाई थी, जिसको आगे रसायन मिलाकर एक हजार किलो बनाकर पंजाब व अन्य प्रदेशों में बेचा जाना था। इस हेरोइन की कीमत 2500 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इससे पहले अमृतसर में 2700 करोड़ रुपये की हेरोइन पकड़ी गई थी। अटारी में पाकिस्तान के रास्ते नमक की बोरियों के बीच 532 किलो हेरोइन लाने वाले नशा तस्कर रणजीत सिंह उर्फ चीता को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। नवप्रीत नव व चीता के संबंध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गठित हो चुके हैं।
सीमांत प्रदेश होने का फायदा उठा रहे तस्कर
भारत-पाक सीमा का 553 किलोमीटर का इलाका पंजाब से सटा है। इसका पूरा फायदा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी उठा रही है और सीमावर्ती किसानों व युवाओं को लालच देकर नशे का सौदागर बना रही है। आईएसआई ने 14 ऐसे नामी तस्करों को टास्क दे रखा है, जो बेरोक टोक सीमा से हेरोइन की खेप धकेल रहे हैं। पाकिस्तान के लाहौर में बैठे वारिस डोगर, शकील डोगर, बूटा रियात, आरिफ, हाजी, नवाज, लियाकत और अहमद्दीन, काफिल मसीह उर्फ कोदर, कालू, बिलाल राणा, आबाद अली, भोला नदीन, कादर शाह वली, मोहम्मद काजिफ, अली, आबादी व उसका बेटा सिकंदर मुख्य रूप से पंजाब में तस्करी कर रहे हैं। पंजाब व देश में जितनी भी हेरोइन की खेप बरामद हो रही हैं उनके तार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पंजाब के सीमावर्ती इलाके के रहने वाले लोगों से जुड़ रहे हैं। खासकर फिरोजपुर व तरनतारन में बड़ी संख्या में युवा नशे की तस्करी के धंधे में लिप्त हो चुके हैं।
डीजीपी चट्टोपाध्याय की रिपोर्ट के खुलने का इंतजार
1986 बैच के पंजाब कैडर के आईपीएस और डीजीपी रैंक के अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने जब पंजाब के तत्कालीन डीजीपी सुरेश अरोड़ा, पंजाब पुलिस इंटेलीजेंस चीफ दिनकर गुप्ता और मोगा के एसएसपी राज जीत सिंह पर ड्रग्स सरगनाओं को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगाए तो पंजाब से लेकर दिल्ली तक हिल गई थी। डीजीपी सुरेश अरोड़ा पर सीधा हमला हुआ था। दरअसल, चट्टोपाध्याय पंजाब और हाईकोर्ट की ओर से गठित उस विशेष जांच टीम (एसआईटी) की अगुवाई कर रहे थे, जो ड्रग्स की समस्या से जुड़े तमाम पहलुओं की जांच कर रही थी। मामला इतना बढ़ गया कि डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने सीनियर अफसरों के शामिल होने के मामले में अकेले ही साइन कर रिपोर्ट कोर्ट में दे दी थी। तीन साल से सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट में पड़ी हुई है।
हाईकोर्ट ने 15 दिसंबर 2017 को तीन सदस्यीय एसआईटी बना दी थी। इस टीम में डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के साथ आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह और आईपीएस अफसर प्रमो द कुमार शामिल थे। एमिकस क्यूरी (अदालत के सहयोगी) वकील अनुपम गुप्ता ने कहा कि दो रिपोर्ट दी गई। पहली तत्कालीन एसएसपी राज जीत मामले में और दूसरी सीनियर अफसरों के मामले में जिसमें चट्टोपाध्याय ने अकेले ही साइन कर रिपोर्ट दी है। आज भी चट्टोपाध्याय की रिपोर्ट बंद पड़ी है, जिसके खुलने के बाद कई खाकी वर्दी वालों पर भी गाज गिरनी तय है लेकिन चार साल से अधिक का वक्त बीत चुका है, रिपोर्ट को खोला नहीं गया है।
जेल में हैं अकाली नेता बिक्रम मजीठिया
अकाली दल की रीढ़ की हड्डी माझे के जरनैल बिक्रम सिंह मजीठिया ड्रग तस्करी में जेल में बंद है। सीनियर अकाली नेता डॉ. रतन सिंह अजनाला के पुत्र अमरपाल सिंह बोनी अजनाला ने बयान में अकाली नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर नशे की तस्करी का आरोप लगाया। 6 हजार करोड़ के ड्रग रैकेट का सरगना भोला ने पुलिस हिरासत में मजीठिया के नाम लिया। मजीठिया के साथ कनाडा के रहने वाले सतप्रीत सत्ता और परबिंदर पिंदी का नाम आया जो आइस ड्रग के कारोबार में लिप्त थे। इन दोनों की ही मजीठिया से नजदीकी थी। दोनों मजीठिया की शादी में शामिल होने भारत भी आए थे। सत्ता जब भी भारत आता तो मजीठिया ही उसे गनर, गाड़ी और चालक उपलब्ध करवाते थे। ड्रग के कारोबार में एक बार पैसे के लेनदेन को लेकर तस्करों में कड़वाहट आई थी, जिसे बिट्टू ने मजीठिया से कहकर सुलझाया था।
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में मार्च 2013 में कनाडा के एनआरआई अनूप सिंह कहलों की गिरफ्तारी से छह हजार करोड़ के अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी रैकेट का खुलासा हुआ था। ड्रग तस्करी में गिरफ्तार बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला ने मजीठिया का नाम लिया और साथ ही अमृतसर के फार्मा कंपनी चलाने वाले नेता बिट्टू औलख और जगदीश सिंह चहल का नाम भी आ गया। तस्करी मामले में खाकी भी दागदार हुई है। खन्ना के पायल इलाके से पकड़ा गया पूर्व अकाली सरपंच गुरदीप सिंह राणो केस की जांच में यह बात सामने आई है कि निलंबित पुलिस अधिकारियों ने राणो की मदद की और उसे वीआईपी सुरक्षा व गाड़ियां उपलब्ध करवाईं। एसटीएफ ने सात नवंबर 2020 को पांच किलो 390 ग्राम हेरोइन के साथ चार लोगों को गिरफ्तार किया था। उनसे 21 लाख की ड्रग मनी, दो रिवाल्वर व एक राइफल भी बरामद की गई थी। इसके अलावा आठ लग्जरी गाडियां जब्त की गई थीं। इस केस में आईजी परमराज उमरानंगल, चौथी आईआरबी पठानकोट में तैनात असिस्टेंट कमांडेंट वरिंदर जीत सिंह थिंद, फरीदकोट में तैनात एसपी (डिटेक्टिव) सेवा सिंह मल्ली, एसपी परमिंदर सिंह बाठ व डीएसपी (डिटेक्टिव) करण शेर सिंह को सस्पेंड किया जा चुका है।
पाक से ड्रोन का तस्करी के लिए इस्तेमाल
पाक की आईएसआई ने अब नशे की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। हाल ही में जनवरी माह में अमृतसर में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बीएसएफ के जवानों ने 7 किलो हेरोइन बरामद की है। इस हेरोइन की खेप को ड्रोन के जरिये भारतीय सीमा में भेजा गया था। एजेंसियों के मुताबिक, पंजाब में पाक से करीब 12 बार ड्रोन आकर हथियार व हेरोइन गिरा चुके हैं। कुछ दिन पहले भी सीमा सुरक्षा बल को आरंभिक जांच के दौरान अमृतसर सीमा इलाके में 5 पैकेट मिले थे, जिसका वजन 3 किलो 700 ग्राम से भी ज्यादा था। ऐसी आशंका है कि इस खेप को भी ड्रोन के जरिये गिराया गया था।

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