कोरोना वैक्सीन डिलीवरी और टेस्टिंग में अब ड्रोन का होगा इस्तेमाल, ICMR के साथ IIT को मिली खास मंजूरी

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और आईआईटी बॉम्बे को ड्रोन उड़ाने की विशेष परमिशन दी गई है।

Update: 2021-09-13 17:14 GMT

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और आईआईटी बॉम्बे को ड्रोन उड़ाने की विशेष परमिशन दी गई है। यह परमिशन सोमवार को डीजीसीए ने दी। दोनों संस्थानों को ड्रोन रूल्स 2021 से विशेष छूट दी गई है। आईसीएमआर को यह छूट अंडमान निकोबार, मणिपुर और नागालैंड में 3000 मीटर तक की ऊंचाई पर ड्रोन के जरिए वैक्सीन डिलीवरी की टेस्टिंग के लिए दी गई है। वहीं आईआईटी बांबे को अपने परिसर में ड्रोन की रिसर्च, डेवलपमेंट और टेस्टिंग के लिए छूट दी गई है।


लांच हो चुका है मेडिसिन फ्रॉम द स्काई
दोनों संस्थानों को यह छूट अप्रूवल की तारीख से एक साल या अगले आदेश, दोनों में से जो पहले आएगा तब तक के लिए है। गौरतलब है कि 11 सितंबर को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'मेडिसिन फ्रॉम द स्काई' नाम का प्रोजेक्ट लांच किया। यह प्रोजेक्ट तेलंगाना के विक्राबाद में लांच किया गया। इसके तहत ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए दवाओं और वैक्सीन की डिलिवरी की जाएगी।

ड्रोन पॉलिसी में भी किया गया है बदलाव
इससे पहले सिंधिया ने हाल ही में पूरे देश के लिए ड्रोन पॉलिसी लांच की। उन्होंने कहा कि भारत 2030 तक ग्लोबल ड्रोन हब बन जाएगा। 25 अगस्त 2021 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन रूल्स को और आसान बनाया। इस दौरान ड्रोन की उड़ान में सेफ्टी और सिक्योरिटी को खास तरजीह दी गई है।


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