2023 में ड्रोन घुसपैठ होगी बड़ी चुनौती, पाक की साजिश से निपटने के लिए कितनी तैयार है बीएसएफ?
नई दिल्ली (आईएएनएस)| पाकिस्तान की आसमानी साजिश यानी ड्रोन के जरिए ड्रग्स और हथियार भेजे जाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लगभग हर रोज भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन घुसपैठ देखी जा रही है। पिछले कुछ महीने में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब और जम्मू की सीमा से बड़ी मात्रा में ड्रोन के जरिए भेजे गए ड्रग्स और हथियार बरामद किए हैं। सरकारी आंकड़ों की मानें तो पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन घुसपैठ 2021 के मुकाबले साल 2022 में दोगुनी रही। ऐसे में आने वाले साल 2023 में भी सुरक्षाबलों को इसे रोकना एक बड़ी चुनौती साबित होगा।
संसद में भी ड्रोन गतिविधियों पर चिंता जताई गई
पिछले दिनों कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने सदन में बढ़ती ड्रोन घुसपैठ को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सीमापार से बड़ी संख्या में ड्रोन भेजे जा रहे हैं। विशेष रूप से पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर में इन मामलों में वृद्धि होना चिंता का विषय है। सीमा पर जिन ड्रोन को मार गिराया गया है उनमें उसी प्रौद्योगिकी व तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो चीन के पास है। राजीव शुक्ला ने आंकड़ों के जरिए कहा कि ड्रोन को मार गिराने की दर भी बहुत कम है। शुक्ला ने मांग भी कि जो एंटी ड्रोन सिस्टम है, उसकी क्षमता और प्रभावशीलता के बारे में सरकार को सोचने की जरूरत है।
2022 में सीमा पर बढ़ी ड्रोन गतिविधियों के बाद अब सवाल ये उठता है कि आने वाले साल में केंद्र सरकार इसके लिए कितनी तैयार है? क्या सुरक्षाबलों के पास ऐसी आधुनिक तकनीक मौजूद है, जिसके जरिए ज्यादा से ज्यादा ड्रोन को हवा में ही मार गिराया जाए? एक अधिकारी ने बताया कि आने वाले साल 2023 में ड्रोन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कई मोचरें पर तैयारी की जा रही है। खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इसको लेकर कई बार एजेंसियों और सीमावर्ती राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा की है।
2022 में ड्रोन घुसपैठ के मामलों में भारी बढ़ोत्तरी
आंकड़े बताते हैं कि पिछले सालों के मुकाबले साल 2022 में पाकिस्तान द्वारा ड्रोन घुसपैठ के मामले दोगुना से भी ज्यादा बढ़े हैं। जानकारी के मुताबिक साल 2020 में 79 मामले, तो साल 2021 में 109 ड्रोन घुसपैठ के मामले देखे गए थे, जो 2022 में बढ़कर अब तक 270 से ज्यादा हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक इनमें ड्रोन घुसपैठ के 220 से ज्यादा मामले अकेले पंजाब सीमा में सामने आए हैं। वहीं जम्मू में करीब 25 मामले अब तक देखे गए हैं।
वहीं बीएसएफ ने अपनी मुस्तैदी के चलते साल 2021 में सिर्फ एक ड्रोन मारने की तुलना में इस साल 2022 में अब तक 20 से ज्यादा पाकिस्तानी ड्रोन मार गिराए हैं। ऐसे में जरूरत है, अब पुख्ता उपाय किए जाने की ताकि इस चुनौती से निपटने में और ज्यादा सफलता मिल सके। बात दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा की कुल लंबाई 2900 किलोमीटर है। इसकी रक्षा की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल के कंधों पर है।
एंटी ड्रोन सिस्टम और 5500 कैमरों से सीमा की निगरानी
ड्रोन घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-पाकिस्तान की सीमाओं पर बीएसएफ ने एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए हैं। आने वाले दिनों में इनकी संख्या को और बढ़ाया जाएगा। इससे बीएसएफ जवानों को ड्रोन को जाम करने और गिराने में मदद मिलेगी। वहीं जानकारी के अनुसार सीमाओं को और मजबूत करने के लिए बीएसएफ द्वारा 30 करोड़ भी रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसका फायदा आने वाले साल में मिलेगा। यही नहीं सीमा पर घुसपैठ और ड्रोन गतिविधियों पर निगरानी के लिए 5500 अतिरिक्त कैमरे लगाने की भी शुरूआत हो चुकी है।
बीएसएफ के डीजी पंकज कुमार सिंह ने पिछले दिनों कहा था कि दिन-रात की पेट्रोलिंग को और मजबूत करने के लिए भारतीय ड्रोन का भी बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं तस्करी रोकने में राज्यों की पुलिस की मदद भी ली जा रही है। उन्होंने ये भी बताया था कि सीमा पर एंटी ड्रोन टेक्निक स्थापित की गई है, लेकिन हमारे पास ऐसा मेगा सेटअप नहीं है जो पूरे पश्चिमी क्षेत्र को कवर करता हो। उन्होंने ये भी जानकारी दी कि इसके लिए वो कई भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं और आने वाले दिनों में इस नई तकनीक को कई और संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात कर सकते हैं।
उच्च तकनीक और एक्सपर्ट करेंगे पाक को बेनकाब
बीएसएफ द्वारा बेहतर तकनीक और एक्सपर्ट की मदद से ड्रोन के बारे में सभी जानकारी जुटाई जा रही है। ड्रोन कहां से आता है, कब और कहां पर उतरना होता है, ये सारी सूचनाएं बीएसएफ की जांबाज तकनीकी टीम अब अपने सिस्टम से ही पता लगा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ड्रोन में लगी चिप से कई राज खुल जाते हैं। इनका अध्ययन कर जानकारी इकट्ठा की जा रही है। आने वाले साल में भी इससे कई केसों को सुलझाने में मदद मिलेगी। यही नहीं ड्रोन के बारे में सटीक जानकारी मिलने से तस्करों का प्लान भी खराब होगा, साथ ही पाकिस्तान और आईएसआई को बेनकाब करने में भी सफलता मिलेगी।