हमारे दूतावास के निर्माण के लिए डॉ मनमोहन सिंह ने आवंटित की थी जमीन : फिलिस्तीनी राजनयिक
नई दिल्ली: भारत में फिलिस्तीनी दूतावास के प्रभारी अबेद एलराजेग अबू जाजेर ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह को याद किया। उन्होंने डॉ मनमोहन सिंह के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि वह एक महान अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी। आज हम सभी लोग उन्हें याद कर रहे हैं।
अबू जाजेर ने बताया कि जब मनमोहन सिंह 1991 में वित्त मंत्री थे, तब उन्होंने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति यासर अराफात से दिल्ली में मुलाकात की थी। इसके बाद, जब वह 2004 में प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने कई बार फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की।
फिलिस्तीनी दूतावास के प्रभारी ने आगे कहा कि मनमोहन सिंह ने फिलिस्तीन के लोगों के लिए कई अहम फैसले लिए। 2012 में, उन्होंने दिल्ली में फिलिस्तीन के दूतावास के निर्माण के लिए जमीन दी। साथ ही, उन्होंने दूतावास की स्थापना में मदद की। यह एक बड़ा सम्मान था और हम उनकी मदद और समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं।
अबू जाजेर ने भारतीय राजनीति, अर्थशास्त्र और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में उन्होंने जो अमूल्य योगदान दिया, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बता दें पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। वो 92 साल के थे। उन्हें गुरुवार की शाम तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में भर्ती कराया गया था। मनमोहन सिंह लगातार दो कार्यकाल के लिए, 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।
नब्बे के दशक की शुरुआती में दम तोड़ती भारतीय अर्थव्यवस्था को वित्त मंत्री के रूप में डॉ सिंह ने आर्थिक सुधारों के जरिए नया जीवन दिया। उन्हें भारत में आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है।