BIG BREAKING: 'अदालत के साथ ड्रामा मत कीजिए'...जब वकील को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, मचा हड़कंप

जानें पूरा मामला.

Update: 2025-01-15 11:30 GMT
कोच्चि: केरल हाई कोर्ट ने राज्य के एक बड़े व्यवसायी बॉबी चेम्मनूर को मलयालम अभिनेत्री हनी रोज द्वारा दायर यौन उत्पीड़न के मामले में एक दिन पहले जमानत मिलने के बावजूद जेल से बाहर नहीं निकलने पर जमकर फटकार लगाई है। बुधवार को कोर्ट ने कहा कि व्यवसायी का आचरण कोर्ट को ललकारने जैसा है। उनके वकील पर गुस्से में भड़कते हुए हाई कोर्ट जज ने दो टूक कहा, "अदालत के साथ नौटंकी मत काजिए। वरना जमानत रद्द हो सकता है।"
आरोपी व्यवसायी के आचरण से नाराज जस्टिस पी. वी. कुन्हीकृष्णन ने चेम्मनूर को हाई कोर्ट के साथ खेल नहीं खेलने की भी चेतावनी दी और कहा कि अगर जमानत दी गई है, तो इसे रद्द भी किया जा सकता है। इसके साथ ही पीठ ने चेम्मनूर से दोपहर 12 बजे तक स्पष्टीकरण भी मांगा कि जमानत मिलने के बाद वह बाहर क्यों नहीं आए।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब जमानत आदेश मंगलवार को शाम चार बजकर आठ मिनट तक उसकी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया था और रिहाई का आदेश शाम चार बजकर 45 मिनट पर जारी कर दिया गया था तो फिर आरोपी व्यवसायी जेल से बाहर क्यों नहीं आया। अदालत ने पूछा, ‘‘उसके बाद भी चेम्मनूर को जेल में क्यों रखा गया?’’
इस पर अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि चेम्मनूर के वकीलों ने जेल में रिहाई आदेश ही पेश नहीं किया, इसीलिए उन्हें बाहर नहीं जाने दिया गया। अभियोजन पक्ष ने अदालत को यह भी बताया कि व्यवसायी ने दावा किया है कि वह बाहर इसलिए नहीं आया क्योंकि जेल में कई रिमांड कैदी हैं, जो जमानत मिलने के बावजूद बाहर नहीं आ सकते क्योंकि उनके पास जमानत राशि के भुगतान के लिए पैसे नहीं हैं।
इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘‘आपको (चेम्मनूर को) रिमांड कैदियों की वकालत करने की जरूरत नहीं है। उनके मामले को देखने के लिए न्यायपालिका है। अदालत के साथ नाटक मत करिए।’’ जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने कहा, ‘‘वह मीडियाकर्मियों का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं और रिहाई आदेश को अपने पास रखकर कहानियां गढ़ रहे हैं। उनकी जमानत क्यों नहीं रद्द की जानी चाहिए?’’ जज ने कहा कि अगर उन्होंने व्यवसायी को जमानत दी है तो वह इसे रद्द भी कर सकते हैं।
जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने कहा, ‘‘क्या आप (चेम्मनूर) सोचते हैं कि आप कानून से ऊपर हैं? मैं पुलिस से उन्हें (चेम्मनूर को) गिरफ्तार करने और दो सप्ताह में जांच पूरी करने का आदेश देने को कह सकता हूं।’’ दोपहर 12 बजे मामले में फिर से सुनवाई होने पर अदालत ने व्यवसायी की खिंचाई जारी रखते हुए कहा कि उनका आचरण ‘‘न्यायपालिका को ललकारने के समान है।’’ अदालत ने यह भी कहा कि चेम्मनूर का आचरण मंगलवार को उनकी ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता का भी अपमान है जिन्होंने जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था।
जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने कहा, ‘‘वह (चेम्मनूर) खुद को क्या समझते हैं? मुझे पता है कि उन्हें यहां कैसे लाया जाए। वह नाटक कर रहे हैं। वह उच्च न्यायालय के साथ खेल रहे हैं। वह न्यायपालिका को खुली चुनौती देकर ललकार रहे हैं और कह रहे हैं कि रिमांड कैदी वहां फंसे हुए हैं। उन्हें लगता है कि हर किसी को खरीदा जा सकता है।’’ अदालत ने चेम्मनूर के वकीलों को अपराह्न एक बजकर 45 मिनट पर यह जवाब देने के लिए कहा कि क्या चेम्मनूर ने जेल से रिहा होने के बाद मीडियाकर्मियों के सामने कोई बयान दिया था कि वह रिमांड कैदियों के हित की वकालत करने के लिए जेल में है।
बता दें कि मलयालम अभिनेत्री हनी रोज ने बॉबी चेम्मनूर के खिलाफ अश्लील टिप्पणी और यौन उत्पीड़न का केस दर्ज करवाया था। जिसके बाद व्यवसायी को गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोप है कि चेम्मनूर ने हनी रोज के शारीरिक बनावट पर अश्लील कमेंट किया था। इस मामले में मंगलवार को चेम्मनूर को राहत देते हुए जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने कहा, ‘‘हमारे समाज में शारीरिक संरचना को लेकर किसी का मजाक उड़ाना स्वीकार्य नहीं है।’’ चेम्मनूर पर यौन रुझान वाली टिप्पणियों को लेकर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 75 (4) के साथ आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) अधिनियम की धारा 67 के तहत इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा था कि उन्होंने ‘‘द्विअर्थी’’ शब्दों का प्रयोग किया था। व्यवसायी को आठ जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और नौ जनवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। अभिनेत्री की शिकायत के अनुसार, निमंत्रण पर उन्होंने 7 अगस्त, 2024 को कन्नूर के अलाकोड में चेम्मनूर इंटरनेशनल ज्वैलरी शोरूम का उद्घाटन किया, जहां हजारों लोग इस कार्यक्रम को देखने के लिए जुटे थे। शिकायत में कहा गया है कि उद्घाटन समारोह के दौरान, चेम्मनूर ने अभिनेत्री के गले में एक हार पहनाया और फिर इस मौके का फायदा उठाते हुए बुरी नीयत से उन्हें गलत तरीके से छुआ, उनका हाथ पकड़ कर उन्हें गोल गोल घुमाया। हालांकि, चेम्मनूर ने जमानत याचिका में अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया और इन आरोपों को गलत, निराधार करार देते हुए खुद को बेकसूर बताया। 
Tags:    

Similar News

-->