स्टेन स्वामी की मौत के बाद रिपोर्ट में खुलासा, कंप्यूटर में जानबूझ कर डाले गए थे आपत्तिजनक दस्तावेज

सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की मौत के बाद अमेरिकी फोरेंसिक एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में एक खुलासा किया है।

Update: 2021-07-06 17:45 GMT

सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की मौत के बाद अमेरिकी फोरेंसिक एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में एक खुलासा किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि फादर स्टेन स्वामी की तरह ही भीमा कोरेगांव मामले में जेल में बंद सुरेंद्र गाडलिंग के कंप्यूटर में जानबूझ कर आपत्तिजनक दस्तावेज डाले गए थे। सुरेंद्र गाडलिंग को भी भीमा कोरेगांव मामले में यूएपीए कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका स्थित आर्सेनल कंसल्टिंग की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि सुरेंद्र गाडलिंग के कंप्यूटर में उनकी गिरफ़्तारी से दो साल पहले छेड़छाड़ की गई थी। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिस ईमेल के आधार पर गाडलिंग को गिरफ्तार किया गया था उसे स्टेन स्वामी समेत कई लोगों को भी भेजा गया था। इसलिए यह संभावना जताई जा रही है कि फादर स्टेन स्वामी के कंप्यूटर के साथ भी छेड़छाड़ हुआ हो।
कुछ महीने पहले भीमा कोरेगांव मामले में ही जेल में बंद सामजिक कार्यकर्ता रोना विल्सन के कंप्यूटर में भी छेड़छाड़ का खुलासा हुआ था और यह खुलासा अमेरिकी अख़बार द वाशिंगटन पोस्ट ने किया था। अमेरिकी अख़बार ने आर्सेनल कंसल्टिंग के हवाले से ही यह खुलासा किया था कि एक अज्ञात हैकर ने रोना विल्सन के कंप्यूटर में आपत्तिजनक दस्तावेज डाले थे जिसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
आर्सेनल कंसल्टिंग की जून 2021 की रिपोर्ट के अनुसार जब सुरेन्द्र गाडलिंग के हार्ड ड्राइव का विश्लेषण किया गया तो इसके पर्याप्त सबूत मिले कि कंप्यूटर में जानबूझ कर आपत्तिजनक दस्तावेज डाले गए थे। साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आर्सेनल कंसल्टिंग के सामने आए मामलों में यह सबूतों के साथ छेड़छाड़ का सबसे गंभीर मामला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी 2016 से लेकर नवंबर 2017 के बीच उसके सिस्टम से छेड़छाड़ की गई थी और उसी हमलावर द्वारा कंप्यूटर में कम से कम 14 आपत्तिजनक दस्तावेज रखे गए जिसने रोना विल्सन के सिस्टम को निशाना बनाया और वहां 30 फाइलें रखी।
आर्सेनल कंसल्टिंग की रिपोर्ट के अनुसार सुरेंद्र गाडलिंग के कंप्यूटर से छेड़छाड़ करने वाले हैकर ने ही कंप्यूटर की निगरानी की और उसमें आपत्तिजनक दस्तावेज रखे। इस रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि सुरेंद्र गाडलिंग की तरह ही स्टेन स्वामी सहित भीमा कोरेगांव मामले में जेल में बंद लोगों के कंप्यूटर के साथ भी छेड़छाड़ किया गया होगा। गौरतलब है कि सुरेंद्र गाडलिंग के कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव को पुलिस ने जब्त कर लिया था और इसकी एक कॉपी उसके वकीलों को दे दी गई थी जो बाद में जांच के लिए आर्सेनल कंसल्टिंग को भेजी गई।
बता दें कि 2018 के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में स्टेन स्वामी को रांची से बीते वर्ष गिरफ्तार किया गया था। उन पर हिंसा भड़काने का मामला चल रहा था। उन पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धाराएं लगा कर एनआईए ने हिरासत में लिया था। वे 84 साल के थे और कुछ दिन मुंबई के एक अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर थे। जहां सोमवार को उनका निधन हो गया।
सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की मौत पर संयुक्त राष्ट्र संघ और यूरोपीय संघ के उच्च मानवाधिकार अधिकारियों ने दुख जताया और इसे विनाशकारी बताया। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा कि किसी को भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सभा और अपने अधिकारों का प्रयोग करने के लिए हिरासत में नहीं लिया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र की 'स्पेशल रेपोर्ट्योर ऑन ह्यूमन राइट्स' मैरी लॉलर ने कहा कि भारत से बेहद दुखी करने वाली खबर आई है। मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईसाई पादरी फादर स्टैन स्वामी का निधन हो गया है। उन्हें आतंकवाद के झूठे आरोपों में नौ महीने तक हिरासत में रखा गया। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जेल में रखना उचित नहीं है।
यूरोपीय संघ के मानवाधिकार के लिए विशेष प्रतिनिधि ईमन गिलमोर ने भी लॉलर के ट्वीट को शेयर करते हुए ट्वीट किया कि मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ कि स्टैन स्वामी का निधन हो गया है। वह मूलनिवासी लोगों को अधिकारों के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ता थे। उन्हें पिछले नौ महीने से हिरासत में रखा गया था। ईयू ने बार-बार इस मामले को उठाया था।

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