चेन्नई: शक्तिशाली वन्नियार समुदाय की राजनीतिक शाखा पीएमके आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर बंटी हुई है। पीएमके के संस्थापक नेता डॉ. एस. रामदास एआईएडीएमके के साथ गठबंधन चाहते हैं, जबकि उनके बेटे और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अंबुमणि रामदास भाजपा के साथ जुड़ना चाहते हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और एआईएडीएमके एनडीए का हिस्सा थे। इसमें पीएमके भी शामिल थी। लेकिन, सितंबर 2023 में एआईएडीएमके ने भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया। इससे पीएमके में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। अब पार्टी पिता और पुत्र के दो शक्ति केंद्रों के बीच विभाजित हो गई है।
डॉ. अंबुमणि रामदॉस भाजपा के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं, क्योंकि पार्टी ने उन्हें केंद्र में कैबिनेट मंत्री पद की पेशकश की है, जबकि उनके पिता डॉ. रामदॉस एआईएडीएमके के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। उनका मानना है कि 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए यह एक बेहतर दांव होगा।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, अन्नाद्रमुक ने पीएमके को 12 लोकसभा सीटें और एक राज्यसभा सीट की पेशकश की है, जबकि भाजपा ने सीटों की संख्या पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है। राजनीतिक विश्लेषक जॉर्ज वर्गीज ने न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा, "बीजेपी को किसी भी तरह पीएमके को अपने पाले में रखना चाहिए। सोशल इंजीनियरिंग के लिहाज से यह एक बड़ा राजनीतिक कदम होगा।''