दीदी का आज जन्मदिन, एक आम लड़की से मुख्यमंत्री कैसे बनी ममता बनर्जी, जानें यहां

Update: 2022-01-05 03:23 GMT

पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (West Bengal) और 'दीदी' के नाम से जाने जाने वाली ममता बनर्जी का आज (5 जनवरी) को जन्मदिन है (Mamata Banerjee Birthday). महज 15 साल की उम्र में राजनीति में उतरने के बाद 1984 के आम चुनाव में सबसे कम उम्र की सांसद बनने और फिर वामपंथी दलों का गढ़ माने जाने वाले पश्चिम बंगाल से उन्हीं को बाहर का रास्ता दिखा कर सत्ता में काबिज होने तक ममता बनर्जी का सफर बड़ा दिलचस्प रहा है.

ममता का जन्म 5 जनवरी 1955 को कोलकाता के एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। इनके पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे. बीमारी के चलते जब उनकी मौत हुई तब ममता की उम्र केवल 17 साल थी. जिसके बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके ही कंधों पर थी. ममता ने दूध बेचकर अपने भाई-बहन का पालन पोषण किया और खुद भी अपनी पढ़ाई पूरी की. ममता बनर्जी ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से लॉ में स्नातक और आर्ट्स में मास्टर किया. ममता सिर्फ 15 साल की कम उम्र में ही राजनीति में उतर आईं थीं. उन्होंने 15 साल की उम्र में जोगमाया देवी कॉलेज में छात्र परिषद यूनियन की स्थापना की जो कांग्रेस (आई) की स्टूडेंट विंग थी और वाम दलों के स्टूडेंट विंग को चुनाव में हराया भी था. ममता बनर्जी 70 के दशक में कॉलेज में कांग्रेस पार्टी के जरिए राजनीति में सक्रिय हुई और बहुत जल्द पार्टी में उनका कद भी बढ़ गया. उन्हें महिला कांग्रेस का महासचिव बना दिया गया.

इसके बाद 1984 में कुछ ऐसा हुआ जो किसी ने सोचा भी न हो. उस वक्त सीपीएम के सोमनाथ चटर्जी राजनीति के ऐसे दिग्गज थे जिन्हें हराना किसी भी नए राजनेता के लिए नाममुमकिन ही माना जाता था. लेकिन 1984 में ममता आम चुनाव में उतरी और जादवपुर लोकसभा सीट से उन्होंने सोमनाथ चटर्जी को हराया दिया. चुनाव जीतने के साथ ही ममता 1984 के आम चुनाव में भारत की सबसे कम उम्र की सांसद बनी. इसके बाद 1991 में राव सरकार में बनर्जी मानव संसाधन विकास, युवा मामले, खेल व महिला और बाल विकास राज्यमंत्री पद पर रही. 1996, 1999, 2004 और 2009 में ममता बनर्जी कोलकाता सीट से लोकसभा चुनाव जीती.


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