दीदी रे दीदी: बंगाली जनता की जबरदस्त 'ममता', जानें कितनी पढ़ी-लिखी हैं ममता बनर्जी
ममता आज 10.45 बजे लेंगी CM पद की शपथ.
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में ममता बनजी एक बार फिर सीएम पद की शपथ लेंगी. टीएमसी चीफ ममता बनर्जी, तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. बंगाल के सीएम के तौर पर तीसरी पारी खेलने के लिए तैयारी कर रही ममता बनर्जी को 'फायरब्रांड' राजनेता भी कहा जाता है. उन्होंने 15 साल की उम्र में ही राजनीति में कदम रख दिया था.
ममता बनर्जी एक बंगाली हिन्दू परिवार से ताल्लुक रखती हैं और इनका जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था. मेडिकल सुविधाओं के अभाव में उन्होंने 17 साल की उम्र में ही अपने पिता प्रोमिलेश्वर बनर्जी को खो दिया.
एजुकेशनल क्वालिफिकेशन:
सादगी पसंद ममता बनर्जी, एजुकेशन के मामले में देश के कई बडे राजनेताओं से काफी आगे हैं. उन्होंने साल 1970 में अपनी हायर सेकेंडरी बोर्ड परीक्षा देशबंधु शिशु शिक्षालय से पास की और उसके बाद जोगमाया देवी कॉलेज से इतिहास में बैचलर डिग्री हासिल की. इतना ही नहीं, मुस्लिम समुदाय पर सधी हुई राजनीति करने वाली ममता बनर्जी ने यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता से इस्लामिक इतिहास में मास्टर की डिग्री प्राप्त की है. इसके बाद श्री शिक्षायाटन कॉलेज से शिक्षा की डिग्री और जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज, कोलकाता से कानून की डिग्री प्राप्त की.
उन्होंने कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर से डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी प्राप्त की. उन्हें कलकत्ता विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट ऑफ लिटरेचर (डी.लिट।) की उपाधि से भी सम्मानित किया गया है.
बनर्जी राजनीति में तब शामिल हुईं जब वह केवल 15 वर्ष की थीं. जोगमाया देवी कॉलेज में पढ़ते हुए, उन्होंने कांग्रेस (आई) पार्टी की छात्र शाखा, छात्र परिषद यूनियनों की स्थापना की, जिसने भारतीय समाजवादी एकता केंद्र (कम्युनिस्ट) से संबद्ध अखिल भारतीय लोकतांत्रिक छात्र संगठन को हरा दिया था.
बता दें कि कोरोना संकट के कारण तीसरी बार सीएम बनने जा रही ममता बनर्जी के लिये बेहद सादगी से सीएम पद का शपथ समारोह आयोजित हो रहा है.