साइबर क्राइम न्यूज़ स्पेशल: साइबर अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। आमजन जागरुकता से ही साइबर अपराधियों के चंगुल में आने से बच सकते हैं। कुरुक्षेत्र पुलिस द्वारा साइबर अपराधों के प्रति आमजन को जागरुक किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र डॉ अंशु सिंगला ने जानकारी देते हुए बताया कि आमजन को साइबर अपराधों के प्रति जागरुक करने हेतू पुलिस द्वारा समय-समय पर अभियान चलाये जाते हैं ।
इस बारे में आमजन को जागरुक करने हेतू पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र डॉ. अंशु सिंगला ने अपील करते हुए बताया कि एटीएम पिन हमेशा स्वयं अंकित करें एवं यह सुनिश्चित करें कि कोई इसे देख नहीं सके, अपने बैंक खाते से सम्बंधित जानकारी किसी को न दें । किसी भी अनजान व्यक्ति से फोन पर बात कर उसके बहकावे में न आएं और अच्छी तरह जांच पड़ताल करने के बाद ही किसी भी बैंक खाते में राशि डालें । इसके अलावा मोबाइल पर आए किसी भी लिंक को ओपन न करें। फेसबुक, ट्वीटर और किसी भी सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर प्रोफाइल आईडी का पासवर्ड काफी स्ट्रांग रखें, सरल पासवर्ड न रखें । सोशल मीडिया पर अगर किसी परिचित का मैसेज आता है और वह आपसे रुपयों की मांग करता है, तो पहले उसे अच्छी तरह से जांच लें या मैसेज करने वाले से फोन पर संपर्क करें। उसके बाद ही किसी भी खाते में राशि ट्रांसफर करें। बैंक कर्मचारी कभी भी फोन पर बैंक डिटेल्स नहीं मांगते हैं। अगर आपके पास किसी तरह की कॉल आती है और सामने वाला व्यक्ति अपने आप को बैंक कर्मचारी बताकर आपसे आपकी निजी जानकारी, ओटीपी या केवाईसी करने के बारे में बोलकर आपसे कोई जानकारी मांगता है तो उस व्यक्ति को कोई भी जानकारी देने से बचें। जागरुकता में ही बचाव है।
पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र डॉ अंशु सिंगला ने जानकारी देते हुए बताया कि आज की डिजिटल जिन्दगी में काम तो तेजी से होनें लगे है परन्तु इसके साथ ही हम साइबर धोखाधडी में फंस कर अपना पैसा गंवा देते है इस लिए खुद को जागरुक करें और क्योकि साइबर क्रिमनल या तो वह आपकी मजबूरी का फायदा उठाकर आपको अपनी बातों में लेकर आपके साथ धोखाधडी करेगा या फिर वह आपको लालच देगा । इसलिए इस प्रकार से साइबर अपराधियो से बचने के लिए खुद को जागरुक करें । उन्होंने कहा कि आनलाइन लेनदेन के समय जागरूक रहने औऱ दूसरों को भी साइबर अपराधो से बचने हेतु जागरुक करने से काफी हद तक साइबर अपराध कम हो जाते है । अगर आपके साथ किसी प्रकार की कोई धोखाधड़ी होती है तो तुरन्त साइबर कम्लैंट पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ और साइबर हेल्पलाइन न. 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज करवाये और इसके अलावा आप थाना में जाकर स्थापित साइबर हेल्प डेस्क की भी मदद ले सकते है।
इन्हीं हालात को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने साइबर सेल और फोरेंसिक टीम से फीड बैक लेने के बाद जागरूकता अभियान शुरू किया हुआ है, जो लगातार शैक्षणिक संस्थानों व आमजन को जागरूक कर रहा है। इस अभियान के तहत जो एडवाइजरी जारी कर कुछ आवश्यक सावधानियां बरतने को कहा गया है।
काल, एसएमएस या अन्य माध्यम से ओटीपी, यूपीआई आईडी, एम-पिन, एटीएम पिन किसी को शेयर न करें
किसी के कहने पर रिमोट एक्सेस एप जैसे क्विक सपोर्ट, एनी डेस्क, टीम व्यूवर, एयरड्रॉड आदि को लिंक से डाउनलोड या शेयर न करें
किसी अनजान के संदेश पर किसी लिंक या एप को फारवर्ड भी न करें, बिना गार्ड, ब्लॉक स्क्रीन वाली एटीएम का प्रयोग करने से बचें।
एटीएम कार्ड का पिन, आनलाइन वॉलेट के पासवर्ड हर सप्ताह में बदलते रहें और निजी स्तर पर उन्हें लिखकर भी रखें ।
सोशल साइटों या एप्लीकेशंस के माध्यम से आनलाइन शापिंग करने के दौरान रिक्वेस्ट मनी आप्शन के प्रयोग से बचें
सोशल साइटों पर चैट के माध्यम से किसी खाते का नंबर, कस्टमर आईडी, रजिस्टर मोबाइल नंबर या पासवर्ड शेयर करने से बचें।
साइबर क्राइम का शिकार होने पर निकट के पुलिस थाने से लेकर साइबर सैल की टीम से संपर्क करें। शिकायत में देरी न करें। अन्यथा अपराधी तक पहुंचने में मुश्किल हो सकती है ।
हर लेनदेन और इंक्वायरी प्रोसेस का मैनुअल रिकार्ड भी रखें ताकि साइबर क्राइम का शिकार होने पर पुलिस या अन्य जांच टीम की मदद की जा सके।