पटना: केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने गुरुवार शाम अचानक पटना में सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच काफी देर बातचीत हुई। वहीं, बीजेपी के नेता के अचानक आगमन और मुख्यमंत्री से मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं तथा अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। दरअसल, बीते कई दिनों से बिहार सरकार में बीजेपी के मंत्री बदले जा सकते हैं। ऐसे में इस मुलाकात के बाद सीएम नीतीश कुमार कैबिनेट में फेरबदल की तैयारियों की चर्चा और तेज हो गई।
हालांकि, दोनों नेताओं के मुलाकात के विषय पर स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई। वहीं, सीएम नीतीश से धर्मेन्द्र प्रधान की मुलाकात पर बीजेपी का कहना है कि इसके राजनीतिक मतलब नहीं निकाले जाएं। लेकिन माना जा रहा है कि जल्द राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति चुनाव और बिहार मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई। इस दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी भी बुलाए गए और उन्होंने भी केन्द्रीय मंत्री से लम्बी बातचीत की। श्री चौधरी उनके साथ राजकीय अतिथिशाला भी गए और वहां भी बिहार की शिक्षा की बेहतरी को लेकर दोनों के बीच लम्बी बातचीत हुई।
गौरतलब है कि बिहार में वीआईपी के तीन विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद से मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा तेज है। बता दें कि 16 नवंबर 2020 नीतीश कुमार के साथ 14 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इसमें बीजेपी कोटे से सात, जेडीयू कोटे से पांच और हम और वीआईपी के कोटे से एक-एक मंत्रियों ने शपथ लिया था। वहीं ढाई महीनें बाद कैबिनेट का फिर विस्तार किया गया। इस दौरान बीजेपी के कुल नौ विधायक मंत्री बनाए गए। जबकी जेडीयू कोटे से आठ लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली। इस विस्तार में एक निर्दलीय सुमित सिंह और बीएसपी की टिकट पर चुनाव जीते जमा खान को भी जगह मिली थी।
वहीं, मंत्रिपरिषद की पांच सीटें खाली रखी गई। लेकिन वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी को हाल ही में नीतीश मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इस प्रकार कुल छह सीटें खाली हैं।