ढली बस अड्डा बनकर तैयार

Update: 2024-05-10 11:55 GMT
शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) का ढली बस अड्डा अब बनकर तैयार हो गया है। बस अड्डे का 95 फीसदी काम पूरा हो गया है। अंतिम चरण का काम जोर-शोर से चला हुआ है। यहां पर अब सिर्फ यार्ड का कार्य शेष बचा है, जिसका कार्य पुराने कार्यालयों को शिफ्ट करने के बाद किया जाएगा। एचआरटीसी प्रशासन का कहना है कि पुरानी इमारत को डिस्मेंटल कर इसका सारा मलबा और पत्थर यहां के यार्ड और सडक़ को बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे एचआरटीसी को कैरेज का खर्च बच जाएगा। ऐसे में अब इसी महीने एचआरटीसी अपने सारे कार्यालय को शिफ्ट करने वाला है। उसके बाद इस पुरानी इमारत को तोडऩे का कार्य शुरू किया जाना है। इस इमारत को तोडऩे के बाद यहां का चौक काफी चौड़ा हो जाएगा। बस अड्डा बनने से लोगों को सुविधा मिलेगी। ढली चौक पर शिमला शहर की बसों के संचालन और वर्कशॉप के चलते जाम लग जाता है। बस अड्डा बनने से यहां से बसों का संचालन होगा। इससे लोगों को जाम से भी निजात मिलेगी। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ढली में एचआरटीसी का आधुनिक सुविधाओं से लैस बस अड्डा बनाया जा रहा है।
बस अड्डा तीन मंजिला होगा। एचआरटीसी विंग बस अड्डा प्रबंधन विकास प्राधिकरण इसे तैयार कर रहा है। इस पर 17.18 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसमें से अभी तक 13 करोड़ 12 लाख 19 हजार रुपए खर्च हो चुके हैं। इसमें से स्मार्ट सिटी ने सिर्फ 12 करोड़ रुपए दिए हैं। एचआरटीसी प्रशासन का कहना है कि बाकि का खर्च एचआरटीसी स्वयं करेगा। मौजूदा समय में 95 फीसदी काम पूरा कर दिया गया है। बस अड्डे के भूतल में बसों के संचालन के लिए आठ काउंटर बनाए गए हैं। शिमला शहर में यहां से बसों का संचालन किया जाएगा। इसके साथ ही हर मंजिल पर शौचालय की सुविधा होगी। लोगों को बैठने के लिए प्रतीक्षालय होगा। दूसरी मंजिल पर चालकों-परिचालकों के लिए रेस्ट रूम होंगे। इसके साथ ही व्यावसायिक दुकानें होंगी। तीसरी मंजिल पर एचआरटीसी के शिमला शहरी और शिमला ग्रामीण प्रबंधक के कार्यालय होंगे। चालकों का दिमाग फ्रैश रहे और नशे से दूर रहे इसके लिए एचआरटीसी चालकों और परिचालकों के लिए इस इमारत में एक हॉल भी बना रही है इसमें कैरमबोर्ड, चैस और इस प्रकार की अन्य खेलों का प्रावधान किया जाएगा। ताकि सभी चालक नशे छोडक़र इन खेलों में भाग लेकर और अपने दिमाग को फ्रैश कर शांति से गाड़ी चला सके। इसके साथ ही सभी के खाने पीने की ऊचित व्यवस्था के लिए एक कैनिंट भी होगी।
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