DGCA ने एयरलाइन कंपनियों को दिए निर्देश, हवाई किराए को लेकर खत्म होगी यात्रियों की संदेह
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइन कंपनियों को हवाई किराए से संबंधित एक निर्देश जारी किया है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइन कंपनियों को हवाई किराए से संबंधित एक निर्देश जारी किया है। डीजीसीए ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मेटासर्च इंजन वेबसाइट पर दिखाया जाने वाला किराया कंपनियों की वेबसाइट पर दिखाए जाने वाले किराए से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
मालूम हो कि देश में गूगल और स्काईस्कैनर सहित कई मेटासर्च इंजन वेबसाइट परिचालन करती हैं। दरअसल डीजीसीए ने यह कदम ट्विटर पर एक शिकायत सामने आने के बाद उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय में अंतर राज्यीय परिषद सचिवालय के सचिव संजीव गुप्ता ने ट्विटर पर लिखा था कि दिल्ली से लंदन की उड़ान के लिए ब्रिटिश एयरवेज की 26 अगस्त की इकोनॉमी क्लास की टिकट 3.95 लाख रुपये की है। जबकि दिल्ली से लंदन की उड़ान के लिए विस्तारा का टिकट 1.2 लाख रुपये व एयर इंडिया का 2.3 लाख रुपये का है।
इसके बाद नागर विमानन महानिदेशालय ने एयरलाइंस से इस बात की जानकारी मांगी कि अगस्त के दौरान वह भारत-ब्रिटेन उड़ानों के लिए कितना किराया वसूल रहे हैं। हालांकि, डीजीसीए ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगस्त के दौरान दिल्ली-लंदन उड़ान का किराया 1.03 लाख रुपये से 1.47 लाख रुपये के बीच है। मामले में डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई बार मेटासर्च इंजन पर टिकट किराए एयरलाइंस की वेबसाइट पर दिखाए गए किराए से अधिक होते हैं, जिससे असमंजस पैदा होती है।
बता दें, कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत में निर्धारित यात्री उड़ानों का संचालन पिछले साल 23 मार्च को बंद कर दिया गया था। फिर भी, ब्रिटेन सहित 28 देशों के साथ गठित एयर बबल व्यवस्था के तहत जुलाई 2020 से सीमित विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों का संचालन हो रहा है। पिछले साल 25 मई से भारत में सभी घरेलू उड़ानों के लिए किराये की न्यूनतम और अधिकतम सीमा तय कर दी गई थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के किराये पर ऐसी कोई सीमा नहीं लगाई गई थी।