डीजीसीए ने विमान सेवा कंपनियों को यात्रियों को तेजी से उतारने की प्रक्रिया तय करने के लिए कहा
नई दिल्ली (आईएएनएस)| आपात स्थिति में यात्रियों को तेजी से उतारने के महत्व के मद्देनजर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइन ऑपरेटरों को अपने संचालन, सुरक्षा और आपातकालीन प्रक्रियाओं के मैनुअल में व्यापक प्रोटोकॉल शामिल करने का निर्देश दिया है। सभी एयरलाइंस को एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें इस स्पष्ट निर्देश पर प्रकाश डाला गया है कि सिर्फ चालक दल के सदस्यों द्वारा आवश्यक समझे जाने पर ही तेजी से उतरने के लिए आपातकालीन निकास और स्लाइड का उपयोग किया जाना चाहिए।
विमानन नियामक द्वारा किए गए इस उपाय का उद्देश्य यात्री निकासी के लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित ²ष्टिकोण सुनिश्चित करना और निकासी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करते हुए सुरक्षा को प्राथमिकता देना है।
नियामक द्वारा 26 मई को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि चालक दल के सदस्यों को असामान्य और आपातकालीन परिस्थितियों को तुरंत पहचान कर अविलंब स्थिति को भांपते हुए यात्रियों और चालक दल के दूसरे सदस्यों की सुरक्षा के जरूरी उपाय करने चाहिए। सिविल एविएशन रिक्वोयरमेंट्स (कार) के सेक्शन 8 सीरीज ओ पार्ट 2 और पार्ट 7 में आपातकालीन निकासी के लिए चालक दल के सदस्यों के आपातकालीन कर्तव्यों की प्रक्रिया तय है।
डीजीसीए ने कहा कि कुछ परिस्थितियों में हो सकता है कि जीवन का संकट न हो और पूरी तरह आपातकालीन निकासी की जरूरत न होकर तेजी से यात्रियों को उतारने की जरूरत हो। चालक दल के सदस्यों के प्रशिक्षण में भी इसे शामिल किया जाना चाहिए।
सर्कुलर में विमान सेवा कंपनियों को चालक दल के सदस्यों के लिए तेजी से उतरने के संचालन के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।
इसमें कहा गया है कि तेजी से यात्रियों को विमान से उतारना एक एहतियाती कदम है। यह तब अपनाया जाता है जब चालक दल के सदस्यों को लगता है कि विमान की स्थिति खराब हो रही है लेकिन तुरंत कोई आपात स्थिति नहीं है। यह आम तौर पर एयरपोर्ट पर किया जाता है।
उसने कहा है कि इस परिस्थिति में आपातकालीन निकास या स्लाइड का इस्तेमाल तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक चालक दल के सदस्यों को यह जरूरी नहीं लगता है। साथ ही यह भी कहा गया है कि तेजी से विमान खाली कराते समय यात्री और चालक दल के सदस्य अपना सामान लेकर नहीं उतरेंगे बशर्ते उन्हें इसके विपरीत निर्देश न दिया गया हो।
नियामक ने कहा है कि चालक दल के सदस्य उन्हें स्पष्ट और उन्हें समझ में आने वाले शब्दों में यात्रियों को निर्देश देंगे।