भगवान रामलला के मंदिर के साथ भक्त की प्रतिज्ञा भी पूरी, 33 साल बाद डॉक्टर दंपति ने की शादी

अयोध्या: रामनगरी में एक अलग तरह के विवाह की खूब चर्चा रही। राजस्थान के एक स्वयंसेवक ने तीन दशक पहले प्रण किया था कि जब तक अयोध्या में राममंदिर का निर्माण नहीं होता, वे शादी नहीं करेंगे। अब मंदिर बना तो उनकी प्रतिज्ञा भी पूरी हो गई। इसी के साथ बीते मंगलवार को उन्होंने अपनी …

Update: 2024-01-31 22:29 GMT

अयोध्या: रामनगरी में एक अलग तरह के विवाह की खूब चर्चा रही। राजस्थान के एक स्वयंसेवक ने तीन दशक पहले प्रण किया था कि जब तक अयोध्या में राममंदिर का निर्माण नहीं होता, वे शादी नहीं करेंगे। अब मंदिर बना तो उनकी प्रतिज्ञा भी पूरी हो गई। इसी के साथ बीते मंगलवार को उन्होंने अपनी जीवन संगिनी के साथ सात फेरे ले लिए। भगवान रामलला के मंदिर के साथ ही तमाम लोगों की तमाम प्रतिज्ञाएं और अनुष्ठान पूरे हुए है। ऐसा ही 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले राजस्थान के जयपुर निवासी आरएसएस के स्वयंसेवक महेंद्र भारती के साथ हुआ है। महेंद्र भारती 90 के दशक में हुए नरसंहार से इतना आहत थे कि उन्होंने रामलला को साक्षी मानकर विवाह न करने का प्रण लिया था। अब जब रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हुए तो महेंद्र भारती का संकल्प भी पूरा हुआ।

महेंद्र भारती ने अपनी जीवन संगिनी के रूप में अजमेर की डॉक्टर शालिनी गौतम को चुना। रामलला के मंदिर आंदोलन की हृदय स्थली रही कारसेवकपुरम की यज्ञशाला में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों ने रामलला को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। पूरा अनुष्ठान बेहद सादगी से किया गया।

महेंद्र भारती की नवविवाहिता डॉक्टर शालिनी गौतम महाविद्यालय में शिक्षिका हैं। उन्होंने कहा कि मुझे रामलला के मंदिर निर्माण होने का पूरा भरोसा था। रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के साथ मुझे मेरे राम मिल गए। महेंद्र भारती ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान वे संघ के प्रचारक थे। उस वक्त मैंने संकल्प लिया था कि जब तक मंदिर नहीं बन जाता वे शादी नहीं करेंगे। शादी के बाद दोनों नवजोड़े ने रामलला के दर्शन कर आशीर्वाद भी लिया।

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