उत्तराखंड। बैसाखी पर्व के अवसर पर हरिद्वार में हर की पौड़ी पर श्रद्धालुओं ने पावन स्नान किया। बैसाखी का पर्व उत्तरी भारत समेत पंजाब और हरियाणा आदि राज्यों में मनाया जाता है। बैसाखी के दिन सिख धर्म के लोग पारंपरिक तरीके से वस्त्र पहनते हैं और भांगड़ा करते हैं। इसके साथ ही घी व आटे से बने प्रसाद का सेवन करते हैं। बैशाखी के दिन से ही देश के कई हिस्सों में फसलों की कटाई शुरु होती है।
बैशाखी का महत्व
बैशाखी के दिन ही सिखों के 10वें गुरु गोविन्द सिंह जी ने 13 अप्रैल 1699 को खालसा पंथ की स्थापना की थी। धर्म की रक्षा करना और समाज की भलाई करने के लिए खालसा पंथ की स्थापना की गई थी। बैशाखी को मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं। बैशाखी बंगाली कैलेंडर का पहला दिन माना जाता है। बंगाल में इस दिन उत्सव मनाया जाता है। बंगाल में इस दिन बेहद ही शुभ माना जाता है।