पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की देव दर्शन यात्रा ने तेज़ की सियासी चर्चाएं

Update: 2023-09-02 09:28 GMT
राजस्थान। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बीजेपी की परिवर्तन यात्रा से पहले राजसमंद के चारभुजा मंदिर दर्शन किए। इसके बाद राजे ने नाथद्वारा में श्रीनाथजी फिर त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन के लिए बांसवाड़ा पहुंची। पूर्व मुख्यमंत्री की देव दर्शन यात्रा के दौरान राजे समर्थक भी खासा उत्साहित दिखा हैं। बीजेपी की परिवर्तन यात्रा से पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की देव दर्शन यात्रा को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। राजे ने त्रिपुरा सुंदरी में कहा- मैं कोई भी बड़ा काम करने से पहले तीन मंदिर जाती हूं। सबसे पहले तो यही मंदिर है। मंदिरों में जाती हूं, तभी मानती हूं कि मेरा काम सिद्ध होगा। यह सिर्फ देवी-देवताओं का आशीर्वाद ही नहीं, आप लोगों का लाड-प्यार भी है। राजे ने कहा कि यहां पंडितों ने आशीर्वाद दिया ही है, कार्यकर्ता भी ढाल बनकर खड़े हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि कोई भी ऐसी चीज नहीं जो आपके और हमारे रास्ते में आ सके।
वसुंधरा राजे ने त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में शुक्रवार अपने एक बयान में कहा कि ‘मै कोई भी बड़ा काम करने जाती हूं तो पहले तीन मंदिरों में जाती हूं’ अब राजे के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स प्रतिक्रिया देते हुए कई तरह के कयास लगा रहे है। वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द चोटिया ने राजे की फोटो शेयर करते हुए लिखा कि ‘घर से निकलते ही ऐसा माहौल वसुंधरा राजे कहीं भी कभी भी बना सकती हैं। लेकिन माहौल में एक और बात उनकी नई पार्टी बनाने की भी चल रही है। इस वक्त हालांकि यह है मुश्किल तो है लेकिन चर्चा तो कोई भी चला सकता है। बड़ी कठिन डगर है राजनीति की…’
ट्वीट पर बाड़मेर के एक पत्रकार ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस बयान के बाद ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘राजस्थान में @VasundharaBJP “बड़ा काम” करने को निकलने वाली हैं, अब @BJP4Rajasthan सोच लें कि क्या करना हैं, राजस्थान में तो महारानी ही खुद को @narendramodi मानती हैं, इस देव दर्शन यात्रा को वसुंधरा राजे के शक्ति का प्रदर्शन के रुप में भी देखा जा रहा है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण राजस्थान में बीजेपी द्वारा निकाली जा रही परिवर्तन यात्रा में राजे को कोई बड़ी नहीं देना बताया जा रहा है। राजे देव दर्शन के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन करके पार्टी आलाकमान को संदेश देना चाहती है कि उनका प्रभाव आज भी राजस्थान की जनता के बीच में है। पार्टी उनको किनारा करके यहां चुनाव नहीं जीत सकती है।
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