गहलोत राज में विभागों ने बांध दिए एसीबी के हाथ, जानिए पूरा मामला
गहलोत सरकार ने राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी एसीबी के हाथ बांध रखे हैं
गहलोत सरकार ने राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी एसीबी के हाथ बांध रखे हैं। एसीबी को जांच के लिए सरकारी विभागों के मुखिया से अनुमति नहीं मिल पा रही है। एसीबी ने संबंधित विभागों के अध्यक्षों से पद के दुरुपयोग के करीब 250 मामलों में जांच के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन सिर्फ 15 में ही अनुमति मिली है। एसीबी के हाथ बंधे होने के कारण पद के दुरुपयोग के मामलों में जांच नहीं हो पा रही है। उल्लेखनीय है कि पद के दुरुपयोग मामले में नियोक्ता की अनुमति के बाद ही जांच शुरू हो पाती है। ऐसे में परिवाद दर्ज करने के लिए संबंधित विभाग से अनुमति लेना जरूरी होता है। एसीबी की ओर से भेजे गए मामलों में विभाग के जवाब का इंतजार किया जा रहा है। विभाग जवाब नहीं देते हैं तो फिर एसीबी मामलों को ड्राप कर देगी। राजस्थान में पद के दुरुपयोग मामले में इजाजत किस रूप में ली जाए, इसे लेकर गाइडलाइन नहीं बनी है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में संशोधन के बाद एसीबी ने सरकार को गाइडलाइन बनाने का प्रस्ताव भेजा था। फिलहाल यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में हैं।