चाईना की शाल इंडस्ट्री में सेंध, 60 प्रतिशत इंडस्ट्री बंद

Update: 2023-09-04 18:59 GMT
लुधियाना। उद्योग के हरेक क्षेत्र में सेंध लगाने वाली चाईना की इंडस्ट्री ने शाल व स्टॉल इंडस्ट्री को भारी नुकसान पहुंचा है, जिसके चलते अमृतसर, लुधियाना व पानीपत की इस इंडस्ट्री को खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। कारण है कि लुक, डिजाईनिंग व फिनिशिंग में अव्वल होने के साथ-साथ सस्ता होने के कारण इसकी मांग है, लेकिन क्वालिटी में इंडिया बेहतर है। सिर्फ पैसा कमाने के चक्कर में ही कुछ इम्पोर्ट इस धंधे से जुड़े हुए है। जोकि अंडर बिलिंग, गलत कोड मंगवा कर केन्द्र सरकार के रेवन्यू को तो नुकसान पहुंचा ही रहे है, बल्कि हवाला कारोबार को भी बढ़ावा दे रहे हैं। इसके प्रभाव के कारण पावरलूम की 60 प्रतिशत इंडस्ट्री बंद हो चुकी है, कुछ आटोमैटिक मशीनरी में बदल गई और बाकी की भी बंद होने के कगार पर है। समय के रहते अगर केन्द्र सरकार ने इसको न रोका तो आने वाले समय में इस इंडस्ट्री को और भी नुकसान होगा। इस कारोबार से जुड़ी लेबर को भी बेरोजगार होना पड़ेगा। क्वालिटी में चाईना भारत का मुकाबला नहीं कर सकता, लेकिन इसके सामान की चकाचौंध ने इंडस्ट्री को ग्रहण लगा दिया है।
इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि कई बार सरकार को गुहार लगाई गई है कि इसे रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाए, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। निक्का मल चौक, मोचपुरा बाजार, शाल मार्किट, बहारदुर के रोड, सुदंर नगर के अलावा अन्य स्थानों पर चाइना का माल जोरों से बिक रहा है। केन्द्र सरकार को चाहिए कि इस इंडस्ट्री को बचाने के लिए डयूटी बढ़ाए ताकि स्थानीय इंडस्ट्री इसका मुकाबला कर सके। सरकार सख्त कदम उठाती है तो ही यह इंडस्ट्री बच सकेगी, नहीं तो बची खुची इंडस्ट्री भी बंद हो जाएगी। बंदरगाहों पर भी अधिकारियों को सख्ती से काम लेना चाहिए, कंटेनर को चैक करते हुए पूरे मापदंड अपनाने की आवश्यकता है, ना कि दिखावे के तौर पर चैकिंग कर कंटेनर को क्लीयर कर दिया जाए। रेवन्यू को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। चाइना से आने वाले शाल व स्टॉल की क्वालिटी घटिया है, लेकिन सस्ता होने के कारण ही इसकी मांग रहती है। उल्टा इसमें प्रयोग किया जाने वाला यार्न भी घटिया किस्म का होता है, जोकि एक बार धोने के बाद खत्म हो जाता है, उल्टा इसका प्रयोग करने से शरीर पर गलत असर पडता है और इंफेक्शन हो जाती है। लेकिन इसकी लुक व फिनिशिंग व डिजाइनिंग के चलते ही लोग इसकी तरफ आर्कषित हो रहे हैं। यही वजह है कि यह इंडस्ट्री पूरी मंदी की लहर में है।
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