Karnataka:मानसून के कारण डेंगू के मामलों में हो रही लगातार वृद्धि

Update: 2024-06-30 09:13 GMT

Karnataka: कर्नाटक में भारी बारिश के साथ-साथ बीमारियों ने भी दस्तकKnock देना शुरू कर दिया है। बता दें कि यहां बारिश के बीच तनाव के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कर्नाटक के साथ-साथ केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न स्थानों पर भूकंप के मरीज सामने आ रहे हैं। डॉक्टर ने इसके चलते लोगों को सावधानियों की सलाह दी है। पूरे देश में भीषण गर्मी के बीच अब भगवान ने सुगंध दे दी है। लेकिन कई परिस्थितियों के साथ, जहां भीषण गर्मी से राहत मिली है, वहीं कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र सहित कई देशों में भीषण गर्मी के मामले भी बढ़ गए हैं। रविवार को लोगों ने सावधानियों की सलाह दी।

एक घातक ट्यूमर जनित बीमारी है जो मच्छर के काटने से फैलती है। मच्छर गर्म और शुष्क वातावरण में फैलते हैं, जिससे यह बीमारी 100 से ज्यादा देशों में फैलती है। बेंगलुरू के बनशंकरी स्थित मदरहुड हॉस्पिटल्स में वरिष्ठ सलाहकार और लीड - पीडियाट्रिक्स और नियोनेटोलॉजी के संतोष कुमार ने आईएएनएस को बताया, बच्चों में पहले के सालों की तुलना अलग-अलग तरह के बुखार होने का खतरा ज्यादा है। इसका शास्त्रीय लक्षण थोड़े समय के लिए बुखार के साथ उल्टी और पेट में दर्द, भूख कम लगना और सामान्य मायलगिया होता है। लेकिन इस मौसम में असामान्य ऊपरी श्वसन संक्रमण और गैस्ट्रोएंटेराइटिस (असामान्य ऊपरी श्वसन संक्रमण और गैस्ट्रोएंटेराइटिस) वाले बच्चे भी बुखार के लिए सकारात्मक होते हैं।

कर्नाटक में पेट्रोल के 5,374 मामले सामने आए और पांच लोगों की मौत हो गई; उन्होंने बताया कि तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और चकत्ते जैसे लक्षण सामने आए हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश में मलेरिया और मलेरिया दोनों के मामले सामने आए हैं। ओडिशा में 288, केरल के एर्नाकुलम में 400 मामले सामने आए हैं।के प्रारंभिक संकेत हैं। बुखार Feverके बारे में बात करते हुए, डॉ. आशिष ने कहा कि बुखार आमतौर पर सामुदायिक प्रकोप (कम्युनिटी आउटब्रेक) होता है और इसका तुरंत इलाज होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यद्यपि यह मुख्य रूप से स्वयं ही ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में इसे गंभीर कैंसर के रूप में लिया जा सकता है, जिसे कैंसर रक्तस्रावी बुखार (डेंगू रक्तस्रावी बुखार) या कैंसर शॉक सिंड्रोम (डेंगू शॉक सिंड्रोम) भी कहा जाता है। ।

लगातार उल्टी, पेट में दर्द, श्लेष्मा झिल्ली से रक्तस्राव, तथा रक्तसंचार विफलता के लक्षण, पेट दर्द के अधिक गंभीर लक्षण हो सकते हैं। एस्टर आर.वी. अस्पताल, बेंगलुरु के प्रमुख कंसल्टेंट (आंतरिक चिकित्सा) अरविंदा एस.एन. ने आईएएनएस को बताया कि प्रारंभिक निदान से इन लक्षणों को कम करने के लिए समय पर दवा दी जा सकती है, जिससे बीमारी के दौरान रोगी को आराम मिलता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। उन्होंने कहा, जल्दी निदान से न केवल व्यक्तिगत रोगी को लाभ होता है, बल्कि यह घातक वायरस को दूसरों में फैलने से रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बीमारी के दौरान संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करना और उन्हें अलग करने से मच्छरों को वायरस के आगे प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है, जिससे समुदाय में संक्रामक संक्रमण का चक्र टूट सकता है। प्रतिभाशाली लोगों को विशेष कपड़े चुनने की भी सलाह दी गई है, जैसे कि इकट्ठे हुए पानी से पानी निकालना, जहां मच्छर भगाने की सुविधा हो तथा मच्छर भगाने वाली दवाओं का प्रयोग करना, विशेष कपड़े पहनना आदि शामिल हैं।

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