जमीन विवाद को लेकर प्रदर्शन, लाठी-डंडे लेकर पहुंचीं महिलाएं, पुलिस का विरोध
सिरोही। सिरोही रेवदर पुलिस थाने के पास एक जमीन के विवाद को लेकर हुसैनी मिशन संस्था बासन समेत समुदाय के लोगों ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए ज़मीन पर मालिकाना हक़ जताते हुए प्रदर्शन किया। सैकड़ों महिलाओं ने हाथ में लाठी डंडे लेकर पुरुषों के साथ नारेबाज़ी की एवं अतिक्रमण हेतु लगाए पत्थर हटाने लगे। ग्रामीण अमानत अली ने बताया कि थाने के पास स्थित भूमि फतेह मोहम्मद की थी, जिसने एक व्यापारी लेखराज को विक्रय की थी। इस पर कोई संतान ना होने से मामला कोर्ट में गया एवं बाद में सर्वसहमति से फतेह मोहम्मद के उत्तराधिकारी निज़ाम खां, नब्बू खां व इस्माइल खां को यह सुपुर्द की गई।
नब्बू खां ने अपना हिस्सा बेच दिया था। इस्माइल व निज़ाम ने खसरा नम्बर 8,55,858 की भूमि बासन मुस्लिम समाज के सराफ़त हुसैन पुत्र शफाकत हुसैन व जल्फु खां पुत्र मोहम्मद खां के नाम क़ब्ज़ा दर्ज करवाकर रजिस्ट्री करवाई। बाद में यह ज़मीन हुसैनी मिशन संस्था बासन को मुस्लिम लॉ के हिबानामे अनुसार रजिस्ट्री करवाई थी। संस्था द्वारा किराए पर कुछ लोगों से कृषि कार्य कई वर्षों से करवाया जा रहा है एवं मौक़े पर तारबंदी एवं अरण्डी की खेती भी उपलब्ध है। ऐसे में जब उन्हे पता चला कि दोनों व्यक्तियों द्वारा यह ज़मीन किसी अन्य व्यक्ति को विक्रय की गई, जो कि मुस्लिम लॉ के अनुसार ग़लत है एवं रविवार रात में ख़रीदने वाले व्यक्ति के लोगों द्वारा उस ज़मीन में पत्थर डालकर अतिक्रमण किया गया है। ऐसे में बासन से सभी महिलाएं, पुरुष, बच्चे मौक़े पर पहुंचे। उन्होंने वहां विरोध जताया एवं पत्थर फेंकने लगे ।
मौक़े पर सीओ घनश्याम वर्मा समेत पुलिस ज़ाब्ता पहुंचा और ज़मीन मालिक द्वारा पत्थर हटाने की शिकायत का कहते हुए उन्हें वहां से हटने को कहा, जिस पर लोग जमीन मालिक को मौके पर बुलाने की मांग करते रहे। सीओ द्वारा उसे को मौक़े पर ना आने और अपनी ओर से कार्रवाई की बात पर समुदाय के लोगों ने कड़ा रोष प्रकट किया। बाद में मौजूद लोगों ने तोड़ी गई तारबंदी को लकड़ों व कांटों से ठीक किया एवं वहां से रवाना हो गए । इस दौरान उप सरपंच मजहर हुसैन, मेहंदी हसन, अशरफ़ अली ज़ैदी, ताहिर हुसैन, अमानत अली समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे। सीओ घनश्याम वर्मा ने बताया कि ज़मीन के मालिक द्वारा शिकायत मिली थी कि कुछ लोगों द्वारा ज़मीन में पड़े पत्थर हटाए जा रहे हैं, जिसको लेकर मौक़े पर पहुँचे एवं समझाईश कर उन्हें वहां से वापस भेजा ।