श्रीलंकाई नौसेना से दो नौका के साथ 23 मछुआरों की रिहाई की मांग, मुरुगन ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र
श्रीलंका द्वारा गिरफ्तार किए गए मछुआरों की रिहाई के लिए शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को केंद्रीय सूचना और प्रसारण और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डा. एल मुरुगन ने पत्र लिखा है।
नई दिल्ली, श्रीलंका द्वारा गिरफ्तार किए गए मछुआरों की रिहाई के लिए शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को केंद्रीय सूचना और प्रसारण और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डा. एल मुरुगन ने पत्र लिखा है। उन्होंने दो नौका के साथ 23 मछुआरों के पकड़े जाने का जिक्र करते हुए श्रीलंकाई नौसेना से उन्हें छुड़ाने में मदद का निवेदन किया है।
पत्र में लिखा है कि आज कराईकल, नागापट्टिनम और मायीलाडुदुरइ से 66 मछुआरों से एक मेमोरेंडम मुरुगन को मिला। इसमें श्रीलंकाई नौसेना द्वारा 23 मछुआरों व दो नौकाओं को पकड़े जाने की घटना से अवगत कराया गया है। इसके बाद मुरुगन ने तुरंत विदेश मंत्री को पत्र लिखकर मदद मांगी है। साथ ही अपनी ओर से हर संभव सहायता का वादा किया है।
मुरुगन को इसी साल जुलाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल में केंद्रीय सूचना और प्रसारण, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री बताया गया। इससे पहले वह भाजपा की तमिलनाडु ईकाई के अध्यक्ष थे। पिछले माह के अंत में मध्य प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव में विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार नहीं उतारने जाने पर नामांकन पत्र वापस लेने के अंतिम दिन केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता एल. मुरुगन को संसद की ऊपरी सदन के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।
राज्यसभा में मुरुगन के निर्वाचन के साथ ही मध्य प्रदेश से ऊपरी सदन में भाजपा सदस्यों की संख्या आठ हो गई है। दरअसल पर्चा वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने के बाद मुरूगन उपचुनाव के लिए एकमात्र उम्मीदवार बचे थे, इसलिए उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। जुलाई में ही कर्नाटक का राज्यपाल बनने के बाद तत्कालीन केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, इसी कारण उपचुनाव कराना पड़ा।
इसी जुलाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल में केंद्रीय सूचना और प्रसारण, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री के तौर पर मुरुगन को चुना गया। इससे पहले वह भाजपा की तमिलनाडु ईकाई के अध्यक्ष थे। नियमों के अनुसार राज्यसभा की सीट खाली होने के छह महीने के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है। मध्यप्रदेश से राज्यसभा की कुल 11 सीटों में से भाजपा के पास मुरुगन सहित आठ और कांग्रेस के पास तीन सीटें हैं।