महाराष्ट्र का अपमान है 'जय भवानी' हटाने की मांग करना : उद्धव ठाकरे

Update: 2024-04-22 02:17 GMT

मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के नए गीत से 'जय भवानी' और 'हिंदू' जैसे शब्द हटाने के लिए निर्वाचन आयोग से एक नोटिस मिला है, लेकिन वह इसका पालन नहीं करेंगे। उद्धव ठाकरे ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी के गीत से 'जय भवानी' हटाने की मांग करना महाराष्ट्र का अपमान है।

ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी ने अपने नए चुनाव चिह्न 'मशाल' को लोकप्रिय बनाने के लिए एक गीत तैयार किया है और निर्वाचन आयोग ने इसमें से 'हिंदू' एवं 'जय भवानी' जैसे शब्द हटाने को कहा है। ठाकरे ने कहा, 'छत्रपति शिवाजी महाराज ने देवी तुलजा भवानी के आशीर्वाद से हिंदवी स्वराज की स्थापना की। हम देवी या हिंदू धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग रहे हैं। यह अपमान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'

उन्होंने कहा कि वह अपनी जन सभाओं में 'जय भवानी' और 'जय शिवाजी' कहने की परंपरा जारी रखेंगे। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा, 'अगर निर्वाचन आयोग हमारे खिलाफ कार्रवाई करता है, तो उन्हें हमें बताना होगा कि उन्होंने उस समय क्या किया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए लोगों से 'जय बजरंग बली' कहने और ईवीएम का बटन दबाने को कहा था। (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह ने लोगों से कहा था कि वे अयोध्या में रामलला के दर्शन मुफ्त में करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोट दें।' ठाकरे ने कहा, 'ईसी ने हमारी गीत से जय भवानी हटाने के लिए फतवा भेजा है। किसी भी हाल में हम इस शब्द को नहीं हटाएंगे। अगर ईसी हमारे खिलाफ कार्रवाई करना चाहता है, तो उन्हें पहले प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। अगर मैं ईसी पर महाराष्ट्र की देवी के अपमान का आरोप लगाऊं, तो उनके पास क्या जवाब होगा।'

उन्होंने कहा, 'शिवसेना (यूबीटी) ने निर्वाचन आयोग से पूछा है कि क्या कानून बदल दिए गए हैं और क्या अब धर्म के नाम पर वोट मांगना ठीक है। आयोग ने हमारे पत्र और हमारे द्वारा भेजे गए स्मरण-पत्र का जवाब नहीं दिया है। स्मरण-पत्र में हमने कहा था कि अगर कानून बदले गए हैं तो हम अपनी चुनावी रैलियों में 'हर-हर महादेव' भी कहेंगे।'

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