केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग, किसानों ने जलाई कॉपी

तमिलनाडु के किसान संगठन विवासायिगल संगम के सदस्यों ने एक साल पहले केंद्र सरकार की तरफ से बनाए गए.

Update: 2021-06-05 15:56 GMT

तमिलनाडु के किसान संगठन विवासायिगल संगम के सदस्यों ने एक साल पहले केंद्र सरकार की तरफ से बनाए गए तीन कृषि कानूनों की प्रतियां शनिवार को जलाते हुए उन्हें रद्द करने की मांग की. राज्य के विभिन्न हिस्सों में किसानों ने चेहरे पर मास्क पहनकर और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए छोटे-छोटे समूहों में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया.

देशभर में किसानों के साल भर लंबे प्रदर्शन और दिल्ली में आंदोलन के दौरान उनके बलिदानों को याद करते हुए संगम के प्रदेश महासचिव पी षडमुगम ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से विधानसभा में इन कृषि कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पास करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने कृषक समुदाय के कल्याण के लिए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए हाल ही में केंद्र सरकार को पत्र लिखा था.
स्टालिन को जल्द ही विधानसभा में इन कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए. चेन्नई के समीप तम्बरम में षडमुगम के नेतृत्व में 15 लोगों ने कानूनों की प्रतियां जलाई. इसके तुरंत बाद पुलिसकर्मियों ने पानी डालकर आग बुझाई. षडमुगम ने कहा कि उनका प्रदर्शन पांच जून को हो रहा है जिस दिन 2020 में बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अध्यादेश लागू किए थे. उन्होंने कहा कि तिरुवरुर, तंजावुर और नागपत्तिनम जैसे कुछ जिलों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने उन्हें समर्थन दिया है.
उधर किसान नेता और बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत 9 जून को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे. इसके लिए राकेश टिकैत 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ कोलकाता पहुंचेंगे, जिसका नेतृत्व भी वही करेंगे.
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