देश में निजी अस्पतालों, क्लिनिक में इलाज और फीस के मानकों के पालन की मांग, SC ने केंद्र को जारी किया नोटिस
देश में स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ता हालत का मसला उठाने वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है.
नई दिल्ली: देश में स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ता हालत का मसला उठाने वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. याचिका में निजी अस्पतालों में महंगे इलाज का मसला उठाया गया है. साथ ही, छोटे क्लिनिक में बिना विशेषज्ञ डॉक्टरों और ज़रूरी सुविधा के मरीजों को भर्ती करने की भी बात याचिका में रखी गई है. याचिका एनजीओ जन स्वास्थ्य अभियान की है. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील संजय पारिख ने 2010 में बने क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट्स (रजिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन) एक्ट के अब तक पूरी तरह लागू न होने का मसला उठाया. उन्होंने कहा कि इस कानून में इलाज की एक स्टैंडर्ड प्रक्रिया और फीस की बात कही गई है. इससे जुड़े नियमों का ड्राफ्ट तैयार है. लेकिन उसे नोटिफाई नहीं किया गया है. वैसे 11 राज्यों और 6 केंद्रशासित क्षेत्रों ने इस एक्ट को माना है. दूसरों ने अपने यहां अलग कानून बना लिया है. इन सारी बातों का खामियाजा आम आदमी को उठाना पड़ रहा है.