होली में नशीली गोली की डिमांड, 'नेपाली गोली' की पहली खेप शख्स के पास मिली

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Update: 2022-03-14 17:25 GMT

बिहार में शराबबंदी है. शराब कारोबारियों पर पुलिस की सख्ती है. ड्रोन के अलावा स्वान दस्ता, मोटर बोट और हेलीकॉप्टर सक्रिय है. गंगा के बाढ़ क्षेत्र के अलावा सीमावर्ती इलाके में शराब की तस्करी पर कड़ी नजर है. उधर होली का आगमन हो चुका है. होली में नशा करने वाले नशेड़ियों को शराब नहीं मिल रही है. उन्होंने विकल्प के तौर पर एक ऐसे नशे को चुना है, जो बिहार की सीमा से लगे नेपाल में बनाई जा रही है. ये गोली शराब से भी ज्यादा नशा देती है और मुंह भी गंध नहीं देता. इसलिए इन दिनों इस गोली की डिमांड काफी बढ़ गई है.

नेपाली गोली बिहार सहित भारत के अलावा नेपाल में भी प्रतिबंधित है. इसे निगलने के बाद 24 घंटे शरीर में नशे की तरंगे उठती हैं. गोली काफी महंगी भी नहीं है. सस्ते में और आसानी से मिल जाती है. नेपाल के कुछ ड्रग्स माफिया इस गोली को बॉर्डर के रास्ते भारत और खासकर बिहार में भेज रहे हैं. जिसे लोग खरीदकर नशा कर रहे हैं.
नेपाली गोली की पहली खेप बिहार इंडो नेपाल बॉर्डर पर बराज के पास नेपाली नागरिक के पास मिली है. एसएसबी ने एक 25 वर्षीय नेपाली युवक को गोली के साथ गिरफ्तार किया है. गंडक बराज पर जांच के दौरान एसएसबी ने नेपाली युवक को नेपाली गोली के साथ पकड़ लिया. युवक नेपाल के चितवन का रहने वाला है और उसका नाम सुनील गुरुंग बताया जा रहा है. एसएसबी ने सहायक औषधि निरीक्षक के लिखित आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
प्रतिबंधित गोली मिलने के बाद वाल्मिकीनगर के दवा दुकानदारों में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, एसएसबी की रिपोर्ट के आधार पर स्थानीय पुलिस ड्रग्स तस्करों पर लगाम लगाने के लिए छापेमारी कर रही है. वहीं, इलाके के स्थानीय लोगों का कहना है कि बिहार में जब से शराबबंदी हुई है तब से युवा नशे के नये-नये विकल्प तलाश चुके हैं और वे नशे की गोलियों के अलावा गांजा, स्मैक और हिरोइन पीने लगे हैं. नेपाली गोली उसी का एक नमूना है.Live T
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