इफको नैनो यूरिया की मांग बढ़ी, कीमत 15 रुपये घटी, अब 225 रुपये में मिलेगी 500ml की बोतल

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Update: 2022-11-18 13:36 GMT
इफको नैनो यूरिया की लगातार मांग बढ़ रही है। खरीफ सीजन में कुल पारंपरिक यूरिया की हरियाणा में 10 लाख बैग की जरूरत को देखते हुए नैनो यूरिया पांच लाख बोतल की बिक्री पर पहुंच गई है। इससे उत्साहित इफको ने किसानों तक और अधिक पहुंच बनाने के लिए नैनो यूरिया तरल के रेट में 15 रुपये प्रति बोतल (500 मिली) कम कर दिए हैं।
अब ये नैनो यूरिया 240 रुपये प्रति बोतल के बजाय किसानों को 225 रुपये प्रति बोतल मिलेगी। इसके साथ-साथ सभी नैनो यूरिया बिक्री केंद्रों पर स्प्रेयर उपलब्ध करा दिए गए हैं जो किसानों को नैनो यूरिया के खेतों में स्प्रे के लिए निशुल्क मिलेंगे।
हरियाणा के राज्य विपणन प्रबंधक (इफको) डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि इसी माह इफको का स्थापना दिवस मनाया गया। इसी दिन पारंपरिक यूरिया व नैनो यूरिया की बिक्री व किसानों की पसंद पर भी मंथन किया गया था। उन्होंने बताया कि दानेदार यूरिया के एक दाने में 55000 सूक्ष्म कण होते हैं, जो पौधे की जड़ों, तनों, पत्तों आदि के माध्यम से पौधे के अंदर जाकर अपना असर दिखाते हैं।
जहां तक नैनो यूरिया की बात है, रबी का सीजन शुरू हो चुका है। गेहूं की बुवाई शुरू हो गई है। गेहूं में शुरुआत में तो दानेदार यूरिया की पहली खुराक ही दी जाती है, नैनो यूरिया का काम तो तब शुरू होता है, जब पौधा उग आता है और उसमें पत्ते बन जाते हैं। नैनो यूरिया तरल की बिक्री के उत्साहजनक परिणाम रहे हैं।
अब तक छह लाख बोतल की बिक्री हुई है। खरीफ फसलों में औसतन कुल यूरिया की मांग 10 लाख बैग होती हैं, जिसमें इस बार पांच लाख बोतल नैनो यूरिया की बिक्री हुई है। ये पांच लाख बोतल, पारंपरिक दानेदार यूरिया के पांच लाख बैग के बराबर हैं। जो एक लाख बोतल अन्य बिक्री हुए है, वह रबि फसलों की है। रबि की प्रमुख फसल गेहूं, आलू और सरसों हैं।
जिसकी बुवाई शुरू हो चुकी है। इफको के जितने भी विक्रय केंद्र, सहकारी समितियां आदि हैं, उन सभी पर स्प्रेयर उपलब्ध करा दिए गए हैं। जो स्प्रे के लिए किसानों को निशुल्क उपलब्ध होंगे। किसान केंद्रों से इन्हें ले जाकर खेतों में स्प्रे करने के बाद वापस कर दें।
इफको के स्थापना दिवस पर ही किसानों में नैनो यूरिया की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए 15 रुपये प्रति बोतल कीमत घटाने का फैसला लिया है। इसलिए अब नैनो यूरिया की एक बोतल 240 रुपये की बजाय 225 रुपये में मिलेगी। ये बिना सरकारी सब्सिडी की कीमत है, जिससे केंद्र सरकार की बहुत बड़ी मुद्रा की बचत होती है। विदेशों में आश्रय भी कम होगा, क्योंकि ये पूर्ण स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। पुराने स्टॉक जिस पर भले ही 240 रुपये का भाव अंकित हो उसे भी घटी दर पर ही किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। - डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा, राज्य प्रबंधक (विपणन) इफको हरियाणा
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