बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग, CBSE के छात्रों ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र
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नई दिल्ली। CBSE की परीक्षा रद्द करने को लेकर 297 छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग की है. छात्रों ने CBSE की फिज़िकल परीक्षा को रद्द करने की मांग के साथ ही पिछले वर्ष की तरह वैकल्पिक मूल्यांकन योजना बनाने का निर्देश देने की भी मांग की है. छात्रों का कहना है कि देश में कोविड-19 के चलते पैदा हुई परिस्थितियों के चलते तमाम छात्रों ने अपने परिवार वालों को खोया है. ऐसे में इस समय में फिजिकली परीक्षा कराना न सिर्फ लाखों छात्रों और टीचर्स की सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि उनके परिवारों के लिए भी यह परेशान होने वाली बात है.
छात्रों ने अपने पत्र में लिखा कि ऐसे समय में परीक्षा कराना किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं है बल्कि इससे लाखों छात्रों, टीचर्स, अभिभावक और सहायक स्टाफ की जान, उनकी सेहत और सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हो सकता है. छात्रों ने लिखा कि हम आपको यह पत्र ऐसे समय में लिख रहे हैं जब कोविड के मामले अभूतपूर्व आंकड़ों तक पहुंच चुके हैं. कई छात्रों ने अपने माता-पिता या फिर घरवालों को खोया है. इस तरह मामलों में अचानक आई तेजी ने हमें घरों में बंद रहने पर मजबूर कर दिया है. छात्रों ने आगे लिखा कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच फिजिकली परीक्षाएं होने को लेकर लाखों छात्र डरे हुए हैं. इसके चलते छात्रों की जान पर खतरा बन सकता है.
छात्रों ने लिखा है कि अगर फिजिकली एग्जाम होते हैं तो इन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए. देश इस समय सबसे बड़े स्वास्थ्य संकट से गुजर रहा है. कई राज्यों में इस समय लॉकडाउन है. कई छात्र अपने परिवारों के साथ अपने स्थानीय घरों में जा चुके हैं. अगर फिजिकली एग्जाम होते हैं तो उन्हें फिर से सफर करके अपने घरों को आना होगा, जो कि उनकी जान के लिए बड़ा खतरा है. न सिर्फ छात्र बल्कि उनके परिवारों के लिए भी ये बड़ा रिस्क है. यह तथ्य साबित हो चुका है कि वरिष्ठ नागरिक इस वायरस से बहुत जल्दी संक्रमित होते हैं. ऐसे में फिजिकल परीक्षा करना मुश्किल का काम है.
छात्रों ने लिखा कि 18 से कम आयु वर्ग के लोगों के लिए कोई भी प्रभावी टीकाकरण नहीं है. देश में वैक्सीन की काफी कमी देखी जा रही है. और 18 साल से कम उम्र के लोगों की वैक्सीन को लेकर फिलहाल कोई जानकारी भी नहीं है. वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र भेजकर टीकाकरण के बगैर परीक्षा नहीं करवाने को कहा है.