पुलिस ने 900 KM पीछा कर बॉर्डर से अंतरराष्ट्रीय मोबाइल तस्कर को किया गिरफ्तार, 36 फोन बरामद

20 मोबाइल चोरियों का खुलासा.

Update: 2024-08-27 08:09 GMT
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने एक ऐसे मोबाइल तस्कर को गिरफ्तार किया है जो दिल्ली और एनसीआर से चोरी के मोबाइल फोन की तस्करी कर उसे नेपाल पहुंचाता था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने 900 किलोमीटर तक इसका पीछा किया और इसे नेपाल बॉर्डर के पास धर दबोचा।
इसके पास से 36 एंड्राइड फोन बरामद हुए हैं। जिनसे दिल्ली में हुई 20 मोबाइल चोरियों का खुलासा हुआ है। इसके साथ-साथ पकड़े गए आरोपी का पुराना आपराधिक रिकार्ड भी है। वह पहले भी 9 मामलों में शामिल था, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, स्नैचिंग, चोरी आदि शामिल थे।
पुलिस के मुताबिक नेपाल समेत अन्य देशों में इन मोबाइल का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियां करने के लिए किया जाता था। क्राइम ब्रांच के मुताबिक सरवपाल सिंह उर्फ जिनी को गिरफ्तार किया गया है। ये ओमेक्स सिटी, बहादुरगढ़, हरियाणा का निवासी है। इसके पास से चोरी के 36 मोबाइल फोन और एक होंडा सिटी कार जो ये आवाजाही के लिए इस्तेमाल करता था, जब्त की गई है। क्राइम ब्रांच की टीम काफी दिनों से इस केस पर काम कर रही थी। जांच में पता चला कि चोरी के मोबाइल फोन भारत से बाहर तस्करी किए जा रहे हैं और उन्हें नेपाल में भेजा जा रहा था, जहां इन मोबाइल फोनों को ग्रे मार्केट में बेचा जाता था।
क्राइम ब्रांच की एसआई अंशु केडियन को सूचना मिली कि सरवपाल सिंह उर्फ जिनी, चोरी के मोबाइल फोन का तस्कर है और लखनऊ के रास्ते नेपाल सीमा की ओर जा रहा है। क्राइम ब्रांच की टीम ने इसका पीछा किया और इसे नेपाल बॉर्डर के पास से धर दबोचा।
पुलिस पूछताछ में आरोपी सरवपाल सिंह उर्फ जिनी ने बताया कि वह अपने साथियों से चोरी के सामान खरीदता है और उन्हें नेपाल में बेचता है। वह पहले ही नेपाल में लगभग 700 से 800 मोबाइल फोन की तस्करी कर चुका है।
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी सरवपाल सिंह उर्फ जिनी (53) निहाल विहार, दिल्ली और ओमेक्स सिटी, बहादुरगढ़, हरियाणा का रहने वाला है। उसने पश्चिम विहार, दिल्ली में एक सरकारी स्कूल में 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। उसने अपने पिता के साथ एक किताब प्रिंटिंग की दुकान में काम किया। उसके बाद 2009 में वह अपनी गर्लफ्रेंड की हत्या करने के मामले में जेल चला गया जहां पर उसकी मुलाकात चोरी के सामान को अंतरराष्ट्रीय लेवल पर तस्करी करने के तस्करों से हुई। इसके बाद जेल से बाहर आने के बाद उसने यह काम शुरू कर दिया।
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