Delhi: पश्चिमी दिल्ली में स्थित टीकरी बॉर्डर पर नया ISBT बनेगा

दिल्ली में नया बस अड्डा बनाने की तैयारी

Update: 2024-09-03 09:43 GMT

दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक जाम पर अंकुश लगाने और ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से जारी रखने की दिशा में निरंतर प्रयास हो रहे हैं. इसी कड़ी में पिछले दिनों एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई थी. इसके बाद, कयास लगाए जा रहे थे कि कश्मीरी गेट ISBT को यहां से स्थानांतरित किया जा सकता है, लेकिन परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि ISBT को हटाया नहीं जाएगा, बल्कि यहां से बसों का दबाव कम किया जाएगा.

परिवहन विभाग का कहना है कि एक योजना के तहत बाहरी पश्चिमी दिल्ली में स्थित टीकरी बॉर्डर पर नया ISBT बनेगा जिससे अंतर्राज्यीय रूटों पर चली रहीं जम्मू, हिमाचल, हरियाणा और पंजाब राज्यों की बसें कश्मीरी गेट ISBT में नहीं आएंगी. परिवहन विभाग ने आंकलन लगाया है कि इससे इस ISBT पर बसों और यात्रियों का दबाव आधा रह जाएगा.

काफी पुराना है बस अड्डा: महाराणा प्रताप कश्मीरी गेट अन्तर्राज्यीय बस अड्डा (ISBT) 1976 से चल रहा है. लगभग 13 एकड़ में फैले इस बस अड्डे की गिनती भारत के सबसे पुराने और सबसे बड़े अन्तर्राज्यीय बस अड्डों में होती है. यहां से जम्मू, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब के साथ- साथ उत्तर प्रदेश के कुछ शहराें के अलावा उत्तराखंड के लिए भी बसें आवागमन करती हैं. इसके अलावा, शहर के लिए सिटी बस सेवा भी यहीं से संचालित होती है.

वहीं, ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट संचालित विभिन्न शहरों के लिए जाने वाली निजी बसों का भी यही से संचालन होता है. कुल मिलाकर वर्तमान में कश्मीरी गेट ISBT से रोजाना ढाई हजार से ज्यादा बसों का संचालन होता है. इस बस अड्डे से रोजाना डेढ़ लाख से अधिक यात्री आवागमन करते हैं.

ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या: कई राज्यों और शहर के लिए बसों के आवागमन के चलते इस इलाके में ट्रैफिक जाम की गंभीर स्थिति उत्पन्न रहती है. इसकी वजह से आसपास के दूसरे क्षेत्रों जैसे पुल बंगश, सब्जी मंडी, आजाद मार्केट, सदर बाजार और मलका गंज का ट्रैफिक भी प्रभावित होता है.

टीकरी बॉर्डर पर बस अड्डे की मिली अनुमति: ऐसे में इस इलाके से ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए टिकरी बार्डर पर नया ISBT का निर्माण किया जाएगा. करीब 7 एकड़ जमीन पर बनने वाले नए बस अड्डा के लिए एलजी वीके सक्सेना ने अनुमति प्रदान कर दी है. इसके बाद, परिवहन विभाग ने इसके लिए जमीन हासिल करने के लिए लोक निर्माण विभाग काे पत्र लिखा है.

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