नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली आबकारी नीति घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि आरोपी ने सबूत मिटाने और गिरफ्तारी से बचने के लिए 1.20 करोड़ रुपये के 140 फोन बदले। ईडी ने कहा कि इस मामले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत भी ली गई।
आरोपों ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। ईडी ने कहा कि आरोपी अभियोजन एजेंसियों को मूर्ख बनाना जानता था।
आईएएनएस के पास ईडी के वे दस्तावेज हैं, जो चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा करते हैं।
दस्तावेज में कहा गया, जांच के दौरान, दिल्ली आबकारी घोटाले में शामिल विभिन्न व्यक्तियों ने खुलासा किया है कि दिल्ली आबकारी नीति, 2021-22 में संचालित करने के लिए चुनिंदा व्यापारिक समूहों को अनुचित लाभ के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत अग्रिम रूप से दी गई थी। जांच में यह भी पाया गया है कि दिल्ली में खुदरा दुकानें खोलने के लिए दिल्ली के आबकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वत की मांग की गई थी।
जांच एजेंसी ने अपने दस्तावेजों में आरोप लगाया है कि इस मामले में संदिग्ध व्यक्तियों ने संबंधित अवधि के दौरान डिजिटल सबूतों को नष्ट करने के इरादे से बड़ी संख्या में मोबाइल फोन बदले हैं।
ईडी ने आरोप लगाया, आबकारी घोटाले में शामिल/संदिग्ध सभी 34 व्यक्तियों ने संबंधित अवधि के दौरान डिजिटल सबूतों को नष्ट करने के इरादे से कुल 140 फोन (लगभग 1.20 करोड़ रुपये मूल्य) बदले। इन लोगों में सभी मुख्य आरोपी, शराब कारोबारी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, दिल्ली के आबकारी मंत्री और अन्य संदिग्ध शामिल हैं। फोन बदलने का समय बताता है कि ये फोन ज्यादातर घोटाले के सामने आने के बाद बदले गए थे।