Delhi: अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर किया जमकर पलटवार
सभी आरोप बेबुनियाद साबित हुए थे: अडानी ग्रुप
मुंबई: अडानी समूह ने हाल ही में हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों को "दुर्भावनापूर्ण, शरारती और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के चुनिंदा उपयोग का परिणाम" बताते हुए उन्हें सिरे से खारिज कर दिया है. अडानी समूह के अनुसार, यह आरोप पूर्व-निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए लगाए गए हैं, जिनका उद्देश्य व्यक्तिगत लाभ के लिए तथ्यों और कानून की पूरी तरह से अवहेलना करना है.
अडानी समूह ने अपने बयान में कहा है कि ये आरोप पहले भी लगाए जा चुके हैं और इनका गहराई से जांच-पड़ताल किया गया था. जांच के बाद, ये सभी आरोप बेबुनियाद साबित हुए थे और इन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में पहले ही खारिज कर दिया था.
समूह ने यह भी कहा कि उनकी ओवरसीज होल्डिंग संरचना पूरी तरह से पारदर्शी है, और संबंधित विवरण नियमित रूप से कई सार्वजनिक दस्तावेजों में प्रकाशित किए गए हैं. इसके अलावा, अडानी पावर (2007-2008) और अडानी एंटरप्राइजेज (2017) में 3i इन्वेस्टमेंट फंड के नामांकित निदेशक रहे अनिल आहूजा के नाम का भी जिक्र किया गया है.
अडानी समूह ने यह स्पष्ट किया है कि जिन व्यक्तियों या मुद्दों का उल्लेख किया गया है, उनके साथ उनका कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है. समूह का मानना है कि यह प्रयास उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जानबूझकर किया गया है. अडानी समूह ने यह भी कहा कि वे सभी कानूनी और नियामक आवश्यकताओं के साथ पूरी पारदर्शिता और अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध हैं.
अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च पर निशाना साधते हुए कहा कि यह रिपोर्ट महज लाल हेरिंग्स (ध्यान भटकाने वाली चालें) हैं, जो एक ऐसी संस्था द्वारा फैलाई गई हैं जो भारतीय कानूनों के प्रति पूरी तरह से अवमानना रखती है.
हिंडनबर्ग का क्या है आरोप ?
हिंडनबर्ग कहना है कि हमारे विचार में, SEBI ने अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाई है. हमें लग रहा है कि सेबी धोखाधड़ी करने वालों से निवेशकों की रक्षा करने के बजाय धोखाधड़ी करने वालों की रक्षा करने के लिए ज्यादा कोशिश कर रहा है.
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी. रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी. हालांकि, बाद में इसमें रिकवरी आई. इस रिपोर्ट को लेकर भारतीय शेयर बाजार रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने हिंडनबर्ग को 46 पेज का कारण बताओ नोटिस भी भेजा था.
हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है?
हिंडनबर्ग रिसर्च अमेरिका की एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी है. इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) ने की थी. कंपनी के नाम के पीछे भी रोचक कहानी है. साल 1937 को अमेरिका में हिंडनबर्ग एयरशिप हादसा हुआ था. इस हादसे में करीब 36 लोगों की मौत हुई थी. इस कंपनी का काम इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स को एनालाइज करना है. यह किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाती है. इसके बाद उस कंपनी और गड़बड़ी की रिपोर्ट पब्लिश करती है.