Delhi: नई दिल्ली में 22वां दिव्य कला मेला का हुआ आगाज
"100 दिव्यांग शिल्पकार, कलाकार और उद्यमी 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अपने उत्पाद और सांस्कृतिक विविधता का करेंगे प्रदर्शन"
नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) द्वारा राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम (NDFDC) के माध्यम से 22वां दिव्य कला मेला का शुभारम्भ आज नई दिल्ली के प्रतिष्ठित इंडिया गेट पर हुआ। उद्घाटन समारोह में डॉ. वीरेंद्र कुमार, माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, श्री बी. एल. वर्मा, माननीय राज्यमंत्री, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, श्री रामदास अठावले, माननीय राज्यमंत्री, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, श्री सलेंग ए. संगमा, सांसद, श्री अल्फ्रेड कान-नगाम आर्थर, सांसद, और श्री भोजराज नाग, सांसद ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी। साथ ही श्री राजेश अग्रवाल, सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (दिव्यांगजन) और श्री नवीन शाह, CMD (NDFDC) भी समारोह में उपस्थित रहे। यह मेला 12 से 22 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा।
यह विशेष आयोजन देशभर के दिव्यांग शिल्पकारों, उद्यमियों और कलाकारों की अद्भुत प्रतिभा, रचनात्मकता और उद्यमशीलता को प्रदर्शित करेगा। 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 100 दिव्यांग उद्यमी और शिल्पकार इस 11-दिवसीय मेले में हिस्सा लेंगे। यह मेला प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा।
डॉ. वीरेंद्र कुमार, माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, ने कहा, "प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘दिव्यांग’ शब्द का प्रयोग इस समुदाय की असीम क्षमता को सम्मानित करता है। खेल से लेकर हस्तकला तक, दिव्यांगजन उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं। हम दिव्यांग खिलाड़ियों को समर्थन और संसाधन देकर प्रोत्साहित कर रहे हैं। विकसित भारत@47 की यात्रा में दिव्यांगजन का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। हमारा संकल्प दिव्यांगजन की प्रगति सुनिश्चित करना और उनके सपनों को साकार करने के लिए विशेष पहल करना है।"
श्री बी. एल. वर्मा, माननीय राज्यमंत्री, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, ने कहा, "दिव्यांगजन की स्थिति में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। दिव्य कला मेला दिव्यांगजन को अपनी प्रतिभा दिखाने और उनके विशेष उत्पाद बेचने के लिए अद्वितीय मंच प्रदान करता है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में, हमारा मंत्रालय दिव्यांगजन की आकांक्षाओं को समर्थन देने और उन्हें समाज में प्रभावी योगदान करने के लिए संसाधन और अवसर प्रदान करने के लिए समर्पित है।"
श्री रामदास अठावले, माननीय राज्यमंत्री, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में दिव्यांगजन की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, जो समावेशिता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दिव्य कला मेला दिव्यांगजन को अपनी प्रतिभा दिखाने और अपने विशेष उत्पाद बेचने के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान करता है। माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में, हमारा मंत्रालय दिव्यांगजन की आकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए समर्पित है, ताकि उन्हें अपने सपने पूरे करने और समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सभी आवश्यक संसाधन और अवसर मिलें।"
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (दिव्यांगजन) के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने कहा, "दिव्यांगजन में अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के साथ-साथ समाज और अर्थव्यवस्था में योगदान देने की अद्भुत क्षमता है। दिव्य कला मेला उनकी प्रतिभा और रचनात्मकता को खूबसूरती से प्रस्तुत करता है। सही अवसर और समर्थन मिलने पर, वे उद्यमिता में असाधारण उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। सरकार दिव्यांगजन को सशक्त बनाने और उनके सपनों को पूरा करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत है।"
आयोजन की मुख्य विशेषताएं
रंग-बिरंगे उत्पाद:
आगंतुक यहां विविध प्रकार के उत्पाद देख और खरीद सकेंगे, जैसे:
• हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई के काम
• पर्यावरण अनुकूल स्टेशनरी और लाइफस्टाइल उत्पाद
• होम डेकोर
• पैकेज्ड फूड और जैविक उत्पाद
• खिलौने, गिफ्ट, गहने और व्यक्तिगत एक्सेसरीज
• क्लच बैग और अन्य अनोखी वस्तुएं
सांस्कृतिक कार्यक्रम:
दिव्यांग कलाकारों द्वारा संगीत, नृत्य और अन्य प्रदर्शन कलाओं के शानदार कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। 22 दिसंबर 2024 को ‘दिव्य कला शक्ति’ नामक सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समापन होगा, जिसका विषय होगा - असाधारणता में सामर्थ्य।
पाक व्यंजन:
मेले में विभिन्न क्षेत्रों के व्यंजनों का आनंद लेने के लिए खाने के स्टॉल भी लगाए जाएंगे।
आर्थिक सशक्तिकरण की ओर एक आंदोलन
दिव्य कला मेला केवल एक आयोजन नहीं है, बल्कि दिव्यांगजन के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक आंदोलन है। यह दिव्यांगजन की कला, कौशल और उद्यमशीलता को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे उन्हें पहचान, बाजार और नए अवसर मिलते हैं। 2022 से अब तक, यह मेला 21 शहरों में सफलतापूर्वक आयोजित किया जा चुका है।
‘वोकल फॉर लोकल’ का समर्थन
यह आयोजन स्थानीय शिल्पकारों को समर्थन देने और दिव्यांगजन की आर्थिक स्वतंत्रता में योगदान देने का अनूठा अवसर प्रदान करता है। यहां प्रदर्शित उत्पाद अद्वितीय कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रमाण हैं, जो आत्मनिर्भरता और समावेशन को बढ़ावा देते हैं। पर्यावरण बचाने के लिए एक पेड़ मां के नाम के लिए पौधे भी रखे गए हैं
"एम एस चैनल (दिव्य)" दिव्यांगजनों के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित । यह चैनल मीडिया के सहयोग से दिव्या कला मेला, दिव्या कला शक्ति द्वारा दिव्यांगों के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे खेल, कला, संस्कृति, शिक्षा, और उनके अद्वितीय कौशल को उजागर करेगा ।