रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कुछ देर में 'स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी' के करेंगे दर्शन
रामानुजाचार्य ने राष्ट्रीयता, लिंग, नस्ल, जाति या पंथ की परवाह किए बिना हर इंसान की भावना के साथ लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किए थे. श्री रामानुजाचार्य की समानता के संदेश की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा था कि उनकी सरकार इसी भावना वाले सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ देश के नए भविष्य की नींव रख रही है. स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी 'पंचधातु' से बनी है जिसमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है.
यह प्रतिमा दुनिया में बैठी अवस्था की सबसे ऊंची धातु की प्रतिमाओं में से एक है. यह 54-फुट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित है, जिसका नाम 'भद्र वेदी' है. इस परिसर में वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र, प्राचीन भारतीय ग्रंथ, एक थिएटर, एक शैक्षिक दीर्घा हैं, जो संत रामानुजाचार्य के कई कार्यों की याद दिलाते हैं. इस प्रतिमा को 120 किलो सोने से तैयार किया गया है. भगवान आदिश के अवतार माने जाने वाले रामानुजाचार्य स्वामी की याद में स्टैज्यू ऑफ इक्वलिटी बनाई गई है.