रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बने देशों को दी चेतावनी

Update: 2021-10-25 15:05 GMT

एलएसी पर चीन से चल रहे तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बने देशों को चेतावनी दी है. साथ ही रक्षा मंत्री ने मित्र-देशों की सुरक्षा का वादा किया है. राजनाथ सिंह ने आक्रामक नीति अपनाने वाले देशों को संयुक्त राष्ट्र के कानून का वो अध्याय याद दिलाया जिसमें शांति के लिए खतरे पैदा करने वाले से निपटा जाता है.

सम्मेलन में कौन-कौन रहे मौजूद - 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को राजधानी दिल्ली में डिफेंस-एक्सपो के लिए आयोजित राजदूतों के गोलमेज सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस सम्मेलन में मित्र-देशों के राजदूत और उच्चायुक्त मौजूद थे. भारतीय रक्षा क्षेत्र में बढ़ती वैश्विक रुचि का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न देशों के राजदूतों, मिशनों के प्रमुखों और डिफेंस अटैचे सहित 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने इस गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया. इस मौके पर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, सचिव (रक्षा उत्पादन) राज कुमार और गुजरात सरकार तथा रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. राजनाथ सिंह नए कहा कि, "मैं अपने मित्र देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय सात में निर्धारित सामूहिक सुरक्षा प्रणाली के प्रति हमारी स्थायी प्रतिबद्धता का आश्वासन देना चाहता हूं जो शांति के लिए खतरों, शांति के उल्लंघन और आक्रामकता के संबंध में कारवाई से संबंधित है." रक्षा मंत्री ने कहा कि "एक जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में, हम इन सहयोगों और प्रयासों के माध्यम से एक स्थिर अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली सुनिश्चित करना चाहते हैं.

आपको बता दें कि भारत का एलएसी पर तो विवाद चल ही रहा है और इस दौरान चीन की पीएलए सेना ने कई बार दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति के लिए किए गए करारों का उल्लंघन किया है. इसके अलावा चीन ने हाल ही में भूटान के साथ भी बॉर्डर को लेकर एक अहम करार किया है. साथ ही नेपाल के भी कुछ सीमावर्ती इलाकों पर चीन की नजर है. ऐसे में रक्षा मंत्री का बयान बेहद अहम हो जाता है.

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