विधानसभा चुनाव में मिली शिकस्त: राहुल गांधी हार से नाराज, बैठक में कह दी बड़ी बात

Update: 2024-10-10 11:21 GMT

फाइल फोटो

नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद कांग्रेस में समीक्षा का दौर चल रहा है. हरियाणा की हार के बाद आज कांग्रेस नेतृत्व ने राज्य के नेताओं के संग पहली अहम बैठक की. यह बैठक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई जिसमें नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए.
बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष उदय भान, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रभारी दीपक बाबरिया, हरियाणा पर्यवेक्षक अशोक गहलोत, अजय माकन, प्रताप सिंह बाजवा को भी बुलाया गया था. सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव में नेताओं ने निजी हित को ऊपर रखा.
राहुल गांधी ने कहा कि पूरे चुनाव में पार्टी का हित दूसरे नंबर पर रहा और नेताओं का हित हावी रहा. सूत्रों ने बताया कि चुनाव परिणामों की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जाएगी, जिसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी.
बैठक खत्म होने के बाद अजय माकन ने कहा कि नतीजे चौंकाने वाले और अप्रत्याशित हैं. उन्होंने कहा, 'आज हमने बैठक की और हरियाणा में हार के कारणों पर विचार किया. हम अपना विश्लेषण जारी रखेंगे... आगे क्या कार्रवाई होगी इसके बारे में केसी वेणुगोपाल आपको बाद में बताएंगे.'
जानकारी के लिए बता दें कि कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव को बैठक में नहीं बुलाया गया था.
इससे पहले राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में EVM में कथित खराबी के खिलाफ "शिकायत" दर्ज करने के प्रयास में चुनाव आयोग के साथ एक संभावित बैठक का संकेत दिया था.
उन्होंने एक्स पर लिखा, हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं. अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को सूचित कराएंगे. सभी हरियाणा वासियों को उनके समर्थन और हमारे बब्बर शेर कार्यकर्ताओं को उनके अथक परिश्रम के लिए दिल से धन्यवाद. हक का, सामाजिक और आर्थिक न्याय का, सच्चाई का यह संघर्ष जारी रखेंगे, आपकी आवाज बुलंद करते रहेंगे.
बता दें कि बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में 90 में से 48 सीटों पर प्रचंड बहुमत हासिल की है. वहीं, दस साल से सत्ता में रही बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने में नाकाम रही कांग्रेस 37 सीटें जीत पाई है. इसके अलावा इनेलो ने 2 सीटें जीतीं हैं. साथ ही निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की है. हालांकि, उन्होंने बीजेपी को आलाकमान से मुलाकात के बाद समर्थन देने की घोषणा कर दी है.
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