शराब पीने वाले लोगों की संख्या में गिरावट, सर्वे के बारे में जानें बड़ी बातें
नई दिल्ली: अल्कोहल और अल्कोहलिज्म जर्नल में छपी स्टडी के मुताबिक भारत में शराब पीने वाले लोगों की संख्या में कमी दर्ज की गई है.स्टडी में 2015-16 और 2019-21 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की तुलना की गई है.
हालांकि ये बात सामने आई है कि रोजाना शराब पीने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. नए सर्वे में रोजाना पीने वालों की संख्या बढ़कर 15.4% हो गई है. जबकि 2015-16 में हुए सर्वे में रोजाना ड्रिंक करने वालों की तादाद 12.4% थी.
नए सर्वे के मुताबिक 43.5% लोग सप्ताह में एक बार और 41% लोग सप्ताह में एक बार से भी कम शराब पीते हैं. 2015-16 में हुए सर्वे में सप्ताह में एक बार शराब का सेवन करने वालों की तादाद 40.6% थी.
महिलाओं की बात करें तो रोजाना पीने वाली महिलाओं की तादाद 16.9% है. वहीं, सप्ताह में एक बार शराब का सेवन करने वाली महिलाओं की तादाद 36.6 फीसदी है. अगर बात सप्ताह में एक बार से भी कम शराब पीने वाली महिलाओं की करें तो इनकी तादाद 46.6% है.
स्टडी में शामिल डॉ यतनपाल सिंह बल्हारा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि पीने वालों की संख्या में कमी आना एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन शराब का सेवन करने वालों की फ्रीक्वेंसी बढ़ गई है. शराब से संबंधित समस्याओं को रोकने के लिए इसकी जांच करने की जरूरत है.
गुजरात (सर्वे-4 और सर्वे-5 दोनों के समय) बिहार (सर्वे-5 के समय), और केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप (सर्वे-4 और सर्वे-5 दोनों के समय) में सर्वे के दौरान शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगा हुआ था.
स्टडी के मुताबिक लक्षद्वीप के 0.4% पुरुष कभी-कभी शराब का सेवन कर लेते हैं तो वहीं कोई भी महिला शराब का सेवन नहीं करती है. वहीं बिहार की बात करें तो 15.5% पुरुष और 0.4% महिलाओं ने शराब पीने की बात स्वीकार की.
शराबबंदी वाले एक और राज्य गुजरात में 5.8 पुरुष और 0.6% महिलाओं ने शराब पीने की बात कही. सर्वे-4 और सर्वे-5 के दौरान शराब के सेवन करने वाले पुरुषों और महिलाओं के अनुपात में कमी आई है.