सियासत में उलझी किसानों की कर्जमाफी, जानिए क्या है वजह

राजस्थान में कर्जमाफी सियासत में उलझ गई है

Update: 2022-01-25 10:48 GMT

राजस्थान में कर्जमाफी सियासत में उलझ गई है। राज्य के किसान केंद्र सरकार, राज्य सरकार और राजभवन फंस गया है। तीनों संवैधानिक संस्थाएं एक-दूसरे पर आरोप लगा रही है। वर्ष 2018 में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी का वादा किया गया था। लेकिन कर्जमाफी के चुनावी वादे का इंतजार करीब साढ़े तीन लाख किसान कर रहे हैं। कर्जमाफी की पात्रता श्रेणी में राज्य सरकार ने दो लाख तक कर्जदार 2018 के पहले के किसानों को माना है। इसमें राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्ज लिए किसानों की कर्जमाफी नहीं हो पा रही है। गहलोत सरकार का कहना है कि राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों के आंकड़े के लिए बार-बार केंद्र को लिखा जा रहा है। बैंक आंकड़े नहीं दे रहे हैं। दूसरी तरफ केंद्र सरकार के आंकड़ों में राजस्थान के किसानों पर 31 मार्च 2021 तर 1,20,979 करोड़ रुपये कर्जमाफी था। जबकि राज्य की गहलोत सरकार ने पिछले पौने तीन साल में महज 8, 676 करोड़ रुपये का कर्जमाफ किया है। ऐसे में जिस राहत की उम्मीद किसान लगाए बैठे थे। कर्जमाफी की योजना उस पर खरा नहीं उतर पाई है।

सीएम बोले- हम अपने हिस्से का बोझ उठाने के लिए तैयार
गहलोत सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार वाणिज्यिक बैंकों से एकमुश्त निपटारा कराए। सीएम गहलोत का कहना है कि राज्य सरकार इसमें भी अपने हिस्से का बोझ उठाने के लिए तैयार है। सीएम गहलोत का कहना है कि हमारी सरकार ने 5 एकड़ तक के कृषि भूमि वाले किसानों की जमीन की नीलामी पर रोक का विधेयक विधानसभा में पारित किया था। लेकिन राज्यपाल की अनुमति नहीं मिल पाने के कारण अभी तक यह कानून नहीं बन सका है। कानून नहीं बनने के कारण नीलामी की नौबत आई है। केंद्र सरकार बैंकों से आंकड़े दिलवा सकती है। लेकिन पीएम मोदी ऐसा नहीं कर रहे हैं। भाजपा बेवजह मुद्दा उछाल रही है। दूसरी तरफ राजभवन का कहना है कि उनके पास भूमि नीलामी से संबंधिक कोई बिल नहीं आया है।
विपक्ष हुआ गहलोत सरकार पर हमलावर
राज्य मुख्य विपक्षी दल भाजपा और आरएलपी ने कर्जमाफी पर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि गहलोत सरकार ने कर्जमाफीर का झूठा वादा किया। सरकार ने किसानों के कर्ज माफ नहीं किए। आरएलपी से संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भी गहलोत सरकार को कर्जमाफी के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा कर दिया है। पूनिया का कहना है कि राजस्थान के किसान राहुल गांधी की 2018 में की गई वादाखिलाफी से त्रस्त है। सीएम गहलोत सिर्फ प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हैं।
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