पुलिस मुखबिरी के संदेह में सजा-ए-मौत, ग्रामीणों को निशाना बना रहे नक्सली

10 दिनों में पांच को मौत के घाट उतारा.

Update: 2023-08-30 03:38 GMT
रांची: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले में भाकपा माओवादी नक्सली पुलिस की मुखबिरी के संदेह में ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं। सोमवार की रात नक्सलियों के हथियारबंद दस्ते ने जिले के गोईलकेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत कटम्बा गांव से एक ग्रामीण का अपहरण कर लिया।
खबर है कि मंगलवार को उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। हालांकि, अब तक उसकी लाश बरामद नहीं की जा सकी है। सनद रहे कि पिछले दस दिनों में नक्सलियों ने जिले में पांच लोगों को पुलिस की मुखबिरी के आरोप में मौत के घाट उतारा है। इनके अलावा नक्सलियों के हमले और बारूदी सुरंग विस्फोट में इसी महीने पुलिस और सुरक्षाबलों के तीन जवान शहीद हो चुके हैं।
नक्सलियों की ओर से लगातार अंजाम दी जा रही वारदात से इलाके में दहशत है। गोईलकेरा और टोटो थाना क्षेत्र के गांवों से दर्जनों लोग नक्सलियों के खौफ से घर छोड़कर भाग खड़े हुए हैं। अभी बीते 22 अगस्‍त को भी गोइलकेरा थाना अंतर्गत बिला गांव के बुरुसाई टोला जाने वाले रास्ते पर एक 30 वर्ष युवक की पत्‍थर से कूचकर हत्‍या कर दी गई थी। इसके अगली सुबह ग्रामीणों की नजर शव पर पड़ी, तो लोगों ने पुलिस को सूचित किया। मृतक के शरीर पर डंडे के चोट के निशान साफ थे। इसके एक दिन पहले नक्सली कमांडर मिसिर बेसरा के दस्ते ने बीते हफ्ते मंगलवार को टोंटो थाना क्षेत्र के रेंगड़ाहातु गांव निवासी सुपाई मुंडा की गला रेतकर हत्या कर दी थी।
ऐसी ही वारदात चाईबासा के गोइलकेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत राजाबासा-लावाबेड़ा गांव में अंजाम दी गई थी। अर्जुन सुरीन नामक व्यक्ति की हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया गया था। 19 अगस्त को भी इसी थाना क्षेत्र के गितिलपी में रांदो सुरीन नामक व्यक्ति की हत्या गला रेतकर कर दी गई थी। उसका शव नक्सलियों ने सड़क पर फेंक दिया था। शव के पास उन्होंने पर्चे भी फेंके थे, जिसमें कहा गया था कि उसे पुलिस की मुखबिरी करने की वजह से सजा-ए-मौत दी गई है।
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