कोरोना महामारी के बीच देश में टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है. इस बीच गुरुग्राम में कोरोना वैक्सीन लगने के 130 घंटे के बाद एक महिला हेल्थ वर्कर की मौत हो गई. मृतका के परिजनों ने गुरुग्राम के न्यू कालोनी थाने में कोरोना वैक्सिनेशन को लेकर शिकायत दी है. हेल्थ वर्कर की संदिग्ध मौत पर गुरुग्राम के सीएमओ ने कहा कि मामले की जांच चल रही है. अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कोई खुलासा नही हुआ है. दरअसल, कृष्ण कालोनी की रहने वाली 55 वर्षीय राजवंती भंगरौला के पीएचसी सेंटर में सुपरवाइज़र के पद पर तैनात थीं. बीती 16 जनवरी को राजवंती को कोरोना का टीका लगा था. लेकिन इसके 130 घंटे बाद उनकी मौत हो गई. ऐसे में मृतका के बेटे ने कोरोना वैक्सीन पर सवाल खड़े किए हैं.
यही नहीं मृतका के परिजनों ने थाने में कोरोना वैक्सिनेशन को लेकर शिकायत भी दी है. परिजनों का कहना है कि वैक्सिनेशन पर तुरंत रोक लगाई जाए. वहीं, महिला हेल्थ वर्कर की संदिग्ध मौत पर गुरुग्राम के सीएमओ का बयान आया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की गहनता से जांच चल रही है. मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कोई खुलासा नही हुआ है. फिलहाल, वैक्सीन को लेकर परिजन सवाल खड़े कर रहे हैं. हालांकि, अभी इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि हेल्थ वर्कर की मौत और वैक्सिनेशन में कोई कनेक्शन है या नहीं.
मालूम हो कि इससे पहले वैक्सिनेशन के दौरान दिल्ली में 52 हेल्थ वर्कर्स को टीका लगने के बाद दिक्कत महसूस हुई थी. इनमें से कुछ को एलर्जी की शिकायत हुई तो कुछ को घबराहट हुई. इनमें से एक वर्कर को AEFI सेंटर भेजने की नौबत आई थी. हालांकि, किसी को गंभीर परेशानी नहीं हुई.वैक्सिनेशन के दूसरे दिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि कोरोना टीकाकरण के बाद अब तक कुल 447 लोगों में प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है. इनमें से तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.बता दें कि सरकार ने हर सेंटर पर एक AEFI सेंटर बनाया है, जहां टीका लगने के बाद दुष्प्रभाव मिलने पर चेकअप की सुविधा मिलती है. देश में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण की शुरुआत पीएम मोदी ने एक विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की थी.