शादी के दौरान दुल्हन के पिता की मौत, विवाह में शामिल 95 लोग निकले कोरोना पॉजिटिव
कोरोना का कहर
कोरोना बेकाबू हुआ तो नतीजे कितने खौफनाक होंगे इसकी कल्पना की जा सकती है. यूपी, बिहार, राजस्थान समेत देश के कई हिस्सों से आ रही तस्वीरें गवाह हैं. महामारी के बीच देश की बहुत बड़ी आबादी पर खतरा है जो गांवों में रहती है और जो लगभग बेइलाज हैं. राजस्थान के गांव में एक दिन में 95 लोगों को कोरोना हुआ, तो दहशत का सन्नाटा छा गया. झुंझनु जिले के स्यालू कला गांव में तीन शादियों में शामिल हुए 150 लोगों की कोरोना जांच की गई. जिसमें 95 लोग पॉजिटिव निकले. इतना ही नहीं शादी के दौरान दुल्हन के पिता की भी मौत हो गई. इसके बाद से आसपास के गांवों में डर का माहौल है.
स्यालू कला गांव के रहने वाले सुरेंद्र शेखावत का कहना है जब उन लोगों के कोरोना की जांच हुई थी तब गांव के 95 लोग पॉजिटिव गाए थे. 25 अप्रैल को तीन शादियां थी और इस दौरान दुल्हन के पिता की मौत भी हो गई. पहले गांव के लोग कोरोना को नहीं मानते थे और खुलेआम घूमते रहते थे. जब हर किसी जांच की गई तो तभी यहां पर डर का माहौल है और लोग अपने घरों के अंदर बैठे हैं. इतना ही नहीं वीरेंद्र सिंह का कहना है कि जैसे ही उनके गांव में कोरोना वायरस के मामले बढ़े उसके बाद से ही अधिकारियों ने यहां आना मुनासिब नहीं समझा. लोग उनके गांव का नाम सुनकर ही पहले ही राह बदल लेते हैं.
गांवों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है, सड़के खाली हैं, बच्चे घरों के अंदर बंद है और लोग जरूरी काम से ही बाहर निकल रहे हैं. राजस्थान सरकार ने शादी समारोह पर में सिर्फ 11 लोगों के शामिल होने की छूट दी हुई है. नियम तोड़ने पर 1 लाख रुपये जुर्माना करने का नियम भी है. बावजूद इसके लोग इन नियमों की पूरी तरह से अनदेखी की. जिसका खामियाजा दूसरे लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है. गांव वालों का कहना है कि शादियों में भीड़भाड़ की वजह से यहां की स्थिति हो गई है. लोगों को लगता था कि कोरोना सिर्फ शहर तक ही सीमित रहेगा. इसलिए सब बेखबर थे पर गांव में हो रही मौतों ने हर किसी परेशन कर दिया है. अब लोग इसकी गंभीरता को समझ रहे हैं और अपना बचाव करने की कोशिश में जुटे हैं.
कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है, ऐसे में गांव के लोगों का डर बढ़ गया है. परिजन अपने बच्चों को बाहार निकलने नहीं दे रहे हैं. राजस्थान के ज्यादातर गांवों की स्थिति खराब है, प्रशासन अपनी तरफ से पूरी कोशिश करने लगा है कि कोरोना की चैन को तोड़ा जाए. साथ ही गांव के लोगों को इस खतरनाक बीमारी से कैसे अपने आपको बचाया जाए इसे लेकर जागरूक करने में लगा है.