Pratapgarh: प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ जिले में आर्थिक, पारिवारिक समस्याओं के चलते हर हफ्ते एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। साल-दर-साल यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। 2023 में जिले में 56 युवक-युवतियों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। इनमें महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या चार गुना है। दो साल पहले यह आंकड़ा दोगुना था। मनोवैज्ञानिक के अनुसार आज युवाओं में सहन शक्ति खत्म हो रही है। आर्थिक स्थिति से परेशानी एवं लोगों के अकेलापन भी बड़ा कारण है। 2022 में जिले के 56 युवाओं ने आत्महत्या की, वहीं 2023 में यह आंकड़ा 56 ही रहा। मृतकों में से 34 महिला-पुरुष की उम्र 18 से 40 साल के बीच है।
जिले में 2022 में 38 युवाओं ने आत्महत्या की थी, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 35 दर्ज किया गया है। इसी तरह जनवरी से 30 अप्रैल 2024 तक 25 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। इसके पीछे मुख्य कारण आर्थिक परेशानी व पारिवारिक समस्या है। युवा संघर्ष के बजाय समस्याओं से हारकर जीवन समाप्त कर रहे हैं। डॉ. ओपी दायमा ने बताया आत्महत्या के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण अकेलापन व मानसिक तनाव है। आज के समय में सामूहिक परिवार खत्म हो गए। पति-पत्नी दोनों कमाने के चक्कर में लगे रहते हैं। सरकारी व प्राइवेट नौकरियों में कर्मचारी का शोषण किए जाने से मानसिक तनाव भी बहुत अधिक रहता है। काम के तनाव के साथ पारिवारिक तनाव को युवा झेल नहीं पा रहे हैं। एकल परिवार में अकेलापन लोगों को अंदर ही अंदर खाने लगता है।
आधुनिकता में बराबरी के चक्कर में लोगों में सहन शक्ति खत्म होती जा रही है। छोटी-छोटी बातें जिसे आपसी समझौते से खत्म किया जा सकता है, उसे बड़ा विवाद बना देते हैं। आजकल मोबाइल भी इसमें बड़ी समस्या बन रहे हैं। माता-पिता भी बच्चों को कुछ कह देते हैं तो वे गुस्से में इस तरह गलत कदम उठाने लगते हैं। जिले में पिछले तीन सालों में सुसाइड केस पर यदि नजर डाली जाए तो यह आकड़े चौकाने वाले हैं। जिले में पिछले तीन साल में 18 साल से कम उम्र के 28 बच्चों ने आत्महत्या की है। घर में छोटी-छोटी बात और मोबाइल के इस्तेमाल के बीच में यह मौत के आकड़े सामने आए हैं। जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार कम उम्र में अफेयर और बड़ों की डांट को दिल पर लेकर कई बच्चों ने आत्महत्या की है।
2023 में आत्महत्या के मामलों में 80 फीसदी पति-पत्नी के विवाद व कर्ज (आर्थिक परेशानी) मुख्य कारण रहे हैं। 20 फीसदी अन्य कारण हैं। युवा अच्छी लाइफ स्टाइल की चाहत में गलत काम करने लगते हैं। बाजार से कर्ज लेकर जब चुका नहीं पाते हैं तो मौत को गले लगा लेते हैं। वे माता-पिता से भी कुछ कह नहीं पाते। { 29 अप्रैल 2024 को जिले के पारसोला थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक गणेश मेघवाल जो कि पीपलखूंट थाना क्षेत्र के बोरखेड़ा गांव में अपने ससुराल आया हुआ था। यहां पत्नी और उसके बीच में झगड़ा होने के कारण गणेश ससुराल से गुस्सा होकर चला गया। दूसरे दिन जंगल में पेड़ से लटका हुआ गणेश का शव मिला। 16 मई 2024 को जिले के सुहागपुरा थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक पारसमल मीणा ने अपने घर के आंगन में फांसी का फंदा लगा लिया। युवक के परिजनों के मुताबिक युवक कई दिनों से मानसिक तनाव से ग्रसित था।