वाराणसी। बीएचयू के छात्र संघ भवन में बुधवार को बीएचयू छात्र राजनीति के भीष्म पितामह, बीएचयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और हिंदी आंदोलन के नायक देवव्रत मजूमदार की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर छात्र संघ बहाल कराने की मांग की गई। पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष समाजवादी नेता शिवकुमार सिंह ने छात्रों को देबू दा के सपनों का छात्र संघ बहाल कराने के लिए हर छात्र को संवाद से जागरुक करने की राय दी। अध्यक्ष रहे पूर्व सांसद राजेश मिश्रा ने मजूमदार से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए छात्र राजनीति के लिए लिंगदोह समिति की सिफारिशों को दरकिनार कर चुनाव कराने की मांग की। पूर्व अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव ने उन्हें दादा के समय की छात्र राजनीति को मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री व सरकारों के निर्णय पर भी प्रभाव डालने वाले संस्मरण सुनाए व छात्रों से कहा कि हर छात्रनेता को दलगत राजनीति से ऊपर छात्र संघ के लिए पूर्व पदाधिकारियों का सहयोग लेकर लड़ने के लिए कहा। पूर्व छात्र नेता रत्नाकर त्रिपाठी ने देबू दा को अपने युग का नायक बताते हुए छात्रों को उनके रास्ते पर चलने का आह्वान किया।
पूर्व महामंत्री भूपेंद्र सिंह ने दादा की सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में छात्र आंदोलन को बदलते परिवेश के हिसाब से चलाने की बात कही। देबू दा की पत्नी अरुपा मजूमदार ने उनसे जुड़े अपने अनुभव साझा किया। पूर्व महामंत्री रत्नाकर त्रिपाठी ने उनके व्यक्तित्व पर चर्चा कर तत्कालीन राजनीति के बड़े लोगों के सामने भी कभी न झुकने की आदत को छात्र राजनीति के लिए नजीर दी। पूर्व महामंत्री डॉ. अरविंद शुक्ल ने मजूमदार द्वारा तैयार छात्र राजनीति की नर्सरी का देश में योगदान को रेखांकित किया और वर्तमान के छात्र नेताओं को समाज में अपनी भूमिका प्रभावी बनाने के लिए खुद को तैयार करने को कहा। प्रो. दीनबंधु तिवारी ने बताया कि देवव्रत मजूमदार केवल छात्रों के ही नेता नहीं, हर ग़रीब कमजोर मजलूम के नेता थे। इस दौरान बीएचयू छात्र संघ के पूर्व पदाधिकारियों समेत बनारस के अन्य विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के विद्यार्थी ढेरों संख्या में उपस्थित रहे। संयोजक अभिषेक सिंह, शुभम तिवारी, सत्यवीर, चक्रपाणि ओझा, मृत्युंजय, उत्कर्ष, नील दुबे, आशुतोष पांडेय दिनेश, शिवांश, प्रशांत, पतंजलि, आशीर्वाद, शशांक, बालमुकुंद, किशन समेत सैकड़ों छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शुभम तिवारी और धन्यवाद ज्ञापन अभिषेक सिंह ने किया।