दिन का तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस पहुंचा, गेहूं की पैदावार में कमी
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झुंझुनू। झुंझुनू जिले में फरवरी और मार्च के महीनों में तापमान सामान्य से अधिक रहता है। इसका असर फसलों पर पड़ रहा है। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से किसान भी चिंतित हैं। जानकारों का मानना है कि गर्मी का मौसम जल्दी आने से गेहूं की फसल पर संकट आ गया है. गेहूं में बालियां अभी बनना शुरू हुई हैं और तापमान 32.8 डिग्री पहुंचने पर दाना पूरी तरह तैयार नहीं होगा। इससे गेहूं उत्पादन कमजोर होने की आशंका से किसान चिंतित हैं। कृषि विभाग ने फरवरी के तीसरे सप्ताह में ही अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर चिंता जताते हुए गेहूं की फसल को नुकसान की आशंका से इंकार नहीं किया है. गौरतलब है कि जिले में इस बार 70 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में गेहूं की बोवनी की गई है। इस बार मार्च में गर्मी पड़नी शुरू हो गई है, जबकि हर साल फरवरी के अंत तक सर्दी का प्रकोप बना रहता है। इस बार अब से अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री पर पहुंच गया है। अभी से तेज धूप से मेरी हालत बेहाल है।
ऐसे में आने वाले दिनों में तापमान में और इजाफा होने की संभावना है। गेहूं की फसल के लिए अधिकतम तापमान 20 से 22 डिग्री अच्छा माना जाता है। खेतों में गेहूं व जौ में समय से पहले बालियां निकल रही हैं। ऐसे में अनाज भी गुणवत्तापूर्ण नहीं बन पा रहा है। खेतों में इन दिनों गेहूं की फसल खड़ी है और होली के बाद कटाई शुरू हो जाएगी। कटाई में ज्यादा समय नहीं बचा है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। जिले में लंबे समय से हो रही मानसूनी बारिश के कारण लंबे समय तक खेतों में पानी भरा रहा। इससे खेतों में नमी के कारण किसानों ने गेहूं की फसल उत्पादन पर अधिक जोर दिया। गेहूं की फसल में नमी की मात्रा कटने तक कम रहने पर वे इसे अच्छा फायदा मान रहे थे। लेकिन फरवरी माह की शुरुआत के साथ ही तापमान में हो रही बढ़ोतरी ने बेहतर फसल की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार रामकरण सैनी ने बताया कि मौसम में बदलाव और तापमान में बढ़ोतरी के कारण फसल समय से पहले पक रही है. खासकर गेहूं की फसल की उपज प्रभावित हो सकती है। गेहूं जल्दी पक जाएगा। दाने कमजोर रहेंगे। ऐसे में इसकी पैदावार घट सकती है। फिलहाल जिले में करीब 5 से 7 फीसदी फसल खराब होने की आशंका है।