बेटी ने मां की हत्या की बना डाली प्लानिंग, पति और दोस्तों को भी किया शामिल, फिर...

इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है.

Update: 2022-02-07 10:49 GMT

शामली: उत्तर प्रदेश के शामली जिले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक बेटी ने ही पति और उसके दोस्तों के साथ मिलकर अपनी मां की हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी बेटी, दामाद और दो अन्य लोगों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस जानकारी के मुताबिक, घटना कांधला थाना क्षेत्र के शामली की है. यहां 55 वर्षीय ऊषा देवी का शव रामपुर खेड़ी गांव के पास जंगल में 31 जनवरी को मिला था. पुलिस अधिकारी सुरीति माधव ने बताया कि ऊषा देवी की बेटी प्रियंका ने अपने पति शिवम और दो अन्य लोगों राजेंद्र और नौशाद की मदद से अपनी मां की हत्या की. उन्होंने ऊषा देवी का गला घोंटकर हत्या की.
दरअसल, आरोपी प्रियंका ने तीन साल पहले अपनी मां की मर्जी के खिलाफ जाकर शिवम से शादी की थी. ऊषा देवी इस शादी के सख्त खिलाफ थीं. इसलिए उन्होंने इस शादी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. प्रियंका को अपनी मां की यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई. जिसके चलते उसने अपनी मां की हत्या की प्लानिंग बना डाली.
फिर 31 जनवरी को प्रियंका ने अपने पति शिवम और दो दोस्तों की मदद से मां का गला घोंट दिया. जिससे ऊषा देवी की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस शव मिलने के बाद से ही इस केस को सुलझाने में जुटी हुई थी. आखिरकार उन्हें एक महीने बाद इस केस में सफलता हाथ लगी. सुबूतों के आधार पर पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. और उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है.
पैसों के लिए पिता की हत्या
वहीं, महाराष्ट्र के पालघर में एक फरवरी को एक 35 वर्षीय युवक ने पिता की हत्या कर दी. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि शख्स ने अपने पिता से पैसे मांगे थे. जब उसके पिता ने पैसे देने से इनकार कर दिया तो गुस्से में आकर उसने उनकी हत्या कर दी.
पिता ने कर दिया था पैसे देने से इनकार
घटना जाहर क्षेत्र के रंजनपाड़ा की है. पुलिस के मुताबिक, मृतक जानू माली (70) को हर महीने सरकारी स्कीम के तहत कुछ रुपये मिलते थे. उन्होंने 900 रुपये अपने बैंक अकाउंट से किसी काम के लिए निकाले. जिसके बाद उनका बेटे रवींद्र माली उनसे वह पैसे मांगने लगा. लेकिन जानू ने पैसे देने से साफ इनकार कर दिया.आरोपी को अपने पिता की यह बात पसंद नहीं आई और उसने उनकी पिटाई कर डाली. पिटाई के कारण जानू को काफी गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें मोखड़ा अस्पताल जे जाया गया. डॉक्टरों ने उनकी नाजुक हालत को देखते हुए नासिक के अस्पताल में रेफर कर दिया. लेकिन रवींद्र उन्हें नासिक ले जाने की बजाय घर ले आया. जिसके बाद उनकी अगले दिन मौत हो गई.
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